नैनीताल हाईकोर्ट- मामला शिक्षकों की नियुक्ति का है..ज्यादा समय न लगाएं, अगली सुनवाई 25 को 

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नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रदेश के करीब 1300 सहायक अध्यापक एलटी के चयनित अभ्यर्थियों को विभागीय नियुक्ति पत्र देने पर लगी रोक जारी रखी। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि इसमें अधिक समय नहीं लगना चाहिए, क्योंकि विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति का मामला है। इस पर अगली सुनवाई 25 को होगी। न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने यह आदेश दिया।

 

चमोली निवासी नवीन सिंह असवाल, अजय नेगी, किशन चंद्र सहित कई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से 1544 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। 18 अगस्त 2024 को एलटी सहायक अध्यापक पदों के लिए लिखित परीक्षा कराई गई। चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की 13 जनवरी से 28 जनवरी तक जांच हुई।

 

लिखित परीक्षा के बाद उत्तर कुंजी और कुछ दिन बाद संशोधित उत्तर कुंजी जारी की गई। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल टेक्नोलॉजी से संबंधित वैकल्पिक सवाल का सही जवाब लिखा गया था। पहली उत्तर कुंजी में याचिकाकर्ताओं का जवाब सही था, जबकि संशोधित उत्तर कुंजी में जवाब गलत घोषित कर दिया गया।

इस वजह से अंक कम होने से उनका चयन नहीं हो सका। इन याचिकाओं में पूछे गए कुछ प्रश्नों में अस्पष्टता और गलत उत्तरों के बारे में बताया गया है। अभिलेखों से पता चलता है कि लिखित परीक्षा के बाद आयोग ने उत्तर कुंजी प्रकाशित की और आपत्तियां आमंत्रित कीं। कुछ आरंभिक उत्तर बदले गए और कुछ में संशोधन नहीं हुआ। वे न्यायालय की जांच के अधीन हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि आयोग के अधिवक्ता संशोधित उत्तरों के संबंध में विशेषज्ञ की राय के समर्थन में अपने तर्क दें। यदि आवश्यक हो तो वे आयोग के ऐसे अधिकारी की सहायता ले सकते हैं जो न्यायालय में उनकी मदद कर सके और आवश्यक हो तो न्यायालय की भी सहायता कर सके। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अधिक समय नहीं लगना चाहिए, क्योंकि इसमें विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति का मामला शामिल है।

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