
मोटाहल्दू के गांव किशनपुर सकुलिया के एक प्रतिष्ठित परिवार के बेटे ने शेयर बाजार में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये डूबने के अवसाद में फंदा लगाकर जान दे दी। परिवार वालों ने लोगों की लगाई गई रकम लौटा भी दी थी मगर बेटे को अवसाद से नहीं उबार पाए।
किसान के रूप में अपनी बड़ी पहचान रखने वाले देवकी नंदन पांडे के परिवार में यह घटना हुई। बेटे हेमचंद्र (41) ने यह आत्मघाती कदम बुधवार को उठाया। घटना के समय घर पर माता-पिता ही मौजूद थे। परिवार के बाकी सदस्य दिल्ली में आयोजित एक वैवाहिक कार्यक्रम में गए हुए थे। पुलिस के अनुसार, जब माता-पिता आराम कर रहे, तभी हेमचंद्र अपने कमरे के वॉशरूम में पहुंचे और फंदे से लटक गए। कभी देर तक न दिखने पर माता-पिता ने ढूंढा तो वॉशरूम का दरवाजा बंद पाया। लोगों की मदद से उसे तोड़ा गया और परिजन हेमचंद्र को उतारकर सुशीला तिवारी अस्पताल ले गए। वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
समाज सेवी विपिन जोशी के अनुसार हेमचंद्र की शेयर बाजार में काफी दिलचस्पी थी। उन्होंने लोगों के करोड़ों रुपये लेकर शेयर मार्केट में लगाए थे। बाजार डाउन होने के चलते उन्हें बड़ा नुकसान हुआ। ऐसे में पिता और भाई ने अपनी जमीन बेचकर बकायेदारों को लगभग एक करोड़ रुपए से अधिक रकम लौटाई। सिडकुल की एक प्रतिष्ठित कंपनी में एचआर हेड के पद पर कार्यरत पत्नी ने भी मदद की। इस सबके बावजूद हेमचंद्र को घाटा होने का कष्ट सालता रहा और वह डिप्रेशन में चले गए। वह फरवरी में बंगलूरू चले गए, 15 दिन बाद जब लौटे तो ग्राम प्रधान ने पूरे परिवार को साथ बैठाकर हेमचंद्र की काउंसलिंग कराई। काफी समझाया, मगर हेमचंद्र उबर नहीं पाए।
बृहस्पतिवार शाम हेमचंद्र का चित्रशिलाघाट पर अंतिम संस्कार किया गया। उनके निधन से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। परिवार के लोग सदमे में हैं। हेमचंद्र की 10 वर्ष की एक बेटी और 14 माह का बेटा है। हल्दूचौड़ पुलिस चौकी के प्रभारी शंकर सिंह नयाल ने भी आत्महत्या के पीछे हेमचंद्र पर पहले कर्ज चढ़ना और फिर नुकसान की चोट से अवसाद में जाना बताया।