इधर तल्लीताल डांठ क्षेत्र में चौडीकरण का कार्य किया गया है, जिसके बाद झील किनारे रेलिंग लगाने का काम किया जा रहा है। काम के दौरान विभाग ने पानी की निकासी के विषय में नहीं सोचा। यही कारण रहा कि बृहस्पतिवार से बारिश के दौरान झील किनारे फर्श पर पानी एकत्र हो गया। फर्श में पानी भरने से लोगों व पर्यटकों को वहां खड़े होने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोनिवि के सहायक अभियंता जीएस जनोटी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। पानी की निकासी की व्यवस्था की जाएगी।
इधर रामनगर में शुक्रवार को पूरा दिन हुई बारिश से गेहूं की फसल को फायदा मिला है। किसानों के अनुसार गेंहू को भरपूर पानी मिलने से गेंहू का दाने भी बढ़े होंगे और गेंहू का वजन भी बढ़ेगा। उधर कार्बेट के वार्डन अमित ग्वोसीकोटी ने बताया कि बारिश होने से जंगलों में आग लगने की घटना कुछ दिनों के लिए टल गई है।
बारिश से खेतों को अच्छी नमी मिल गई है। खेत में बोई हुई हरी सब्जी और प्याज, मटर की फसल को लाभ मिलेगा। हालांकि ओलावृृष्टि का भी डर बना हुआ है। – विपिन बिष्ट, काश्तकार जमीरा।
क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई है। इससे कुछ दिनों तक खेतों को सींचने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस बारिश से फसलों को काफी लाभ मिलेगा। साथ ही जलस्रोत भी रिचार्ज हो जाएंगे। – धर्मेंद्र सिह रावत, निवर्तमान ग्राम प्रधान, देवीधूरा।
इन दिनों गांव में मटर की फसल तैयार है, जिसको पानी की बहुत जरूरत थी। बारिश में मटर की फसल के साथ ही अन्य सब्जियों और फलों को भी लाभ मिलेगा। –आनंद सिंह, काश्तकार, अधौड़ा।
बारिश से जंगल भीग चुके हैं, जिससे जंगलों में लगने वाली आग की घटनाएं कुछ दिनों के लिए टल जाएंगी। बारिश जंगलों के लिए वरदान बनकर बरसी है। – मुकुल शर्मा, वन क्षेत्राधिकारी, मनोरा रेंज।
भीमताल, बेतालघाट, धारी के किसान भी खुश
पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश नहीं होने से फसलों के सूखने से किसान चिंतित थे। बृहस्पतिवार रात से लेकर शुक्रवार शाम तक हुई तेज बारिश से भीमताल, धानाचूली, धारी, पहाड़पानी, रामगढ़, मुक्तेश्वर, बेतालघाट, ओखलकांडा और गरमपानी क्षेत्र के किसानों के चेहरे खिल उठे। बारिश से गेहूं, मटर, आलू, जौ, सरसों, प्याज, लहसून, आडू समेत अन्य फलों को लाभ मिलेगा। धानाचूली के प्रदीप सिंह, नरेंद्र बिष्ट, मयंक बिष्ट ने बताया कि लंबे समय से बारिश नहीं होने से खेतों में लगी फसलें सूखने लगी थी। इससे फसलों और फलों का उत्पादन गिरने का भय बना हुआ था। बारिश होने से अब फसल उत्पादन अच्छा होने की उम्मीद है।
कालाढूंगी में भी किसान बारिश होने से खुश है। बारिश से आम, लीची के ठेकेदारों की चिंताएं दूर हो गई हैं। इधर बारिश के साथ चली तेज हवाओं के कारण कुछ स्थानों पर गेहूं की जमीन पर भी गिर गया। कोटाबाग क्षेत्र में प्याज व टमाटर की फसल के लिए भी काफी लाभकारी साबित हुई है।
भवाली-अल्मोड़ा हाईवे पर गिरते रहे पत्थर, बाल-बाल बचे यात्री
बृहस्पतिवार की रात से हो रही बारिश के चलते शुक्रवार को भवाली-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह पहाड़ियों से पत्थर और मलबा गिरने से वाहन चालकों और यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। क्वारब की अतिसंवेदनशील पहाड़ी से भारी मलबा आने से मार्ग वपर सुबह से शाम तक कई बार मार्ग बंद होने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। जेसीबी मशीन की मदद से मलबा हटाकर यातायात सुचारु कराया गया।
इधर पाडली से क्वारब तक जगह-जगह पहाड़ी से पत्थर गिरने से यात्रियों की जान बाल-बाल बची। पाडली, रातीघाट, गरमपानी झूलापुल, भोर्या मोड़, चमड़िया, लोहली, जौरासी, नैनीपुल और काकड़ीघाट के पास लगातार पहाड़ी से पत्थर गिरते रहे। खैरना-बेतालघाट मोटर मार्ग पर नौणा, मझेड़ा और खैरना पुल के पास सड़क पर पत्थर गिरने से वाहन चालक देर शाम तक परेशान रहे। गनीमत रही कि पत्थर किसी वाहन के ऊपर नहीं गिरा।
भवाली में सेनिटोरियम से भवाली गांव मोटर मार्ग पर मलबा आने से वाहन चालकों और ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। सड़क बंद होने से परेशान ग्रामीणों ने लोनिवि के अधिकारियों को सूचना दी। लोनिवि के जेई अरविंद जोशी ने बताया कि जेसीबी की मदद से सड़क पर आए मलबे को हटाकर यातायात सुचारु कराया।