दरअसल मामला पुराने विवाद से जुड़ा बताया गया है। डीआईजी साकेत पांडे के अनुसार मऊगंज जिले के रमनगरी पंचायत के गड़रा गांव में शनिवार को ब्राह्मण परिवार पर आदिवासी गुट के कुछ लोगों ने हमला बोल दिया। सनी द्विवेदी ने इस बीच पुलिस को सूचना दी कि उनके परिवार पर हमला हो गया है। पुलिस मौके पर पहुंचती उससे पहले ही सनी द्विवेदी की हत्या कर दी गई। जब पुलिस वहां पहुंची तो आदिवासी गुट ने पुलिस टीम पर पथराव करते हुए हमला कर दिया। कुछ पुलिसवालों को घेर लिया गया। हमले में एएसआई रामचरण गौतम को गंभीर चोट पहुंची और अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई। हमले में शाहपुर थाना प्रभारी संदीप भारती, तहसीलदार पानिका, एएसआई जवाहर सिंह यादव और बृहस्पति पटेल गंभीर रूप से घायल हो गए। उनका उपचार जारी है।
गांव बना पुलिस छावनी, धारा 163 लगाई
पथराव की सूचना पर पुलिस ने अतिरिक्त बल गांव में भेजा। स्थिति को नियंत्रित करने पहुंचे एसडीओपी अंकित सुल्या को भी आक्रोशित ग्रामीणों ने घेर लिया और बंधक बना लिया। हालात इतने बिगड़ गए कि कई पुलिसकर्मी गांव में फंस गए और अंधेरे का फायदा उठाकर ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर फिर से हमला कर दिया। बाद में पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण किया। एसपी रसना ठाकुर, कलेक्टर अजय श्रीवास्तव भी मौके पर पहुंच गए। गांव में धारा 163 लगा दी गई है और शांति की अपील की गई।
विवाद कहां से उपजा
जानकारी के अनुसार गांव में ब्राह्मण परिवार और कौल परिवार में कुछ दिन पहले विवाद हुआ था। इसमें एक आदिवासी समाज के व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसमें कौल समाज सनी द्विवेदी नामक युवक को दोषी ठहरा रहा था। पुलिस जांच में सनी द्विवेदी को क्लीन चिट दे दी गई थी। शनिवार को कौल समाज के कुछ लोग सनी द्विवेदी के घर हमला करने पहुंचे थे। सनी ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी। पुलिस टीम जब तक पहुंचती तब तक सनी द्विवेदी की हत्या कर दी गई। इसी बीच गुस्साए कौल समाज के लोगों ने पुलिस टीम पर लाठी-डंडों और पत्थरों से हमला कर दिया।
सुरक्षा बढ़ाई गई, गांव में भारी पुलिस बल तैनात
घटना के बाद पुलिस और जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। ग्रामीणों द्वारा लगातार हमले की कोशिशों को देखते हुए प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। पुलिस ने उपद्रवियों की पहचान शुरू कर दी है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एसडीओपी को बंधक बनाने की भी बात सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक एसडीओपी अंकित सुल्या को आक्रोशित ग्रामीणों ने बंधक बना रखा है। उन्हें छुड़ाने की कोशिशें जारी हैं। मामले में पुलिस ने कोई बयान नहीं दिया है।