मध्यप्रदेश के मऊगंज में शनिवार रात बड़ा बवाल हो गया। पहले गांव के दो पक्षों में विवाद हुआ और एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के एक युवक पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस टीम पर भी हमला कर दिया गया। इसमें एक एएसआई की मौत हो गई। तहसीलदार समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। कलेक्टर, एसपी मौके पर मौजूद हैं। वहीं डीआईजी साकेत पांडे भी गांव पहुंच गए हैं।
गांव बना पुलिस छावनी, धारा 163 लगाई
पथराव की सूचना पर पुलिस ने अतिरिक्त बल गांव में भेजा। स्थिति को नियंत्रित करने पहुंचे एसडीओपी अंकित सुल्या को भी आक्रोशित ग्रामीणों ने घेर लिया और बंधक बना लिया। हालात इतने बिगड़ गए कि कई पुलिसकर्मी गांव में फंस गए और अंधेरे का फायदा उठाकर ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर फिर से हमला कर दिया। बाद में पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण किया। एसपी रसना ठाकुर, कलेक्टर अजय श्रीवास्तव भी मौके पर पहुंच गए। गांव में धारा 163 लगा दी गई है और शांति की अपील की गई।
विवाद कहां से उपजा
जानकारी के अनुसार गांव में ब्राह्मण परिवार और कौल परिवार में कुछ दिन पहले विवाद हुआ था। इसमें एक आदिवासी समाज के व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसमें कौल समाज सनी द्विवेदी नामक युवक को दोषी ठहरा रहा था। पुलिस जांच में सनी द्विवेदी को क्लीन चिट दे दी गई थी। शनिवार को कौल समाज के कुछ लोग सनी द्विवेदी के घर हमला करने पहुंचे थे। सनी ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी। पुलिस टीम जब तक पहुंचती तब तक सनी द्विवेदी की हत्या कर दी गई। इसी बीच गुस्साए कौल समाज के लोगों ने पुलिस टीम पर लाठी-डंडों और पत्थरों से हमला कर दिया।
सुरक्षा बढ़ाई गई, गांव में भारी पुलिस बल तैनात
घटना के बाद पुलिस और जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। ग्रामीणों द्वारा लगातार हमले की कोशिशों को देखते हुए प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। पुलिस ने उपद्रवियों की पहचान शुरू कर दी है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एसडीओपी को बंधक बनाने की भी बात सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक एसडीओपी अंकित सुल्या को आक्रोशित ग्रामीणों ने बंधक बना रखा है। उन्हें छुड़ाने की कोशिशें जारी हैं। मामले में पुलिस ने कोई बयान नहीं दिया है।
इस मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मऊगंज जिले में शाहपुर थाना क्षेत्र के गड़रा गांव में एक युवक को बंधक बनाकर पीटा गया! मौके पर पहुंची पुलिस टीम पर हुए हमले में एएसआई की मौत हो गई है! उन्होंने सीएम मोहन यादव को संबोधित करते हुए कहा, जंगलराज से भी बदतर हुई मप्र की कानून व्यवस्था में अब तो पुलिस भी सुरक्षित नहीं है! सबसे असफल गृहमंत्री का तमगा लेकर भी यदि आप निश्चिंत हैं तो फिर मप्र की जनता भगवान भरोसे ही है! इस दुखद घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए! बेलगाम अपराधों और अपराधियों पर नियंत्रण के लिए भी सरकार को विधानसभा में विस्तृत कार्य योजना प्रस्तुत करनी चाहिए।