कृष्ण जन्मभूमि: पद्म विभूषण स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने लिया ठाकुर श्रीबांकेबिहारी के दर्शन न करने का प्रण, कहा- श्रीकृष्ण जन्मभूमि से ईदगाह हटने तक दर्शन नहीं करेंगे।
चित्रकूट के तुलसी पीठाधीश्वर और पद्म विभूषण स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने ठाकुर श्रीबांकेबिहारी के दर्शन न करने का प्रण लिया है। उन्होंने कहा है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि से ईदगाह हटने तक वह दर्शन नहीं करेंगे। कहा, जरूरत होने पर श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन की तर्ज पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में भी कोर्ट में साक्ष्य लेकर जाएंगे। भागवतम् और अनेक शास्त्रों में उल्लेख है कि श्रीकृष्ण का जन्म कटरा केशवदेव पर स्थित कंस के कारागार में ही हुआ है।
कथावाचक श्रीकृष्ण शास्त्री के रमणरेणी, वृंदावन स्थित निकुंज आश्रम में रामभद्राचार्य द्वारा भागवत कथा कही जा रही है। बुधवार शाम भागवत कथा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप पहुंचे। वहां रामभद्राचार्य ने उनसे श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह प्रकरण के वादों की जानकारी ली। एडवोकेट कमीशन की अर्जी मंजूरी पर खुशी जाहिर की।
इसके बाद उन्होंने भक्तों के समक्ष व्यास गद्दी से कहा कि जब तक आतताइयों से श्रीकृष्ण जन्मस्थान मुक्त नहीं होगा, तब तक वह भगवान बांकेबिहारी के दर्शन नहीं करेंगे। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान पर कब्जा किया गया है, वह असहनीय है। जब तक श्रीकृष्ण जन्मस्थान मुक्त नहीं हो जाता, मैं भगवान बांकेबिहारी के दर्शन नहीं करूंगा।
महेंद्र प्रताप सिंह ने मंच से कहा कि जन्मभूमि पक्ष की इस प्रकरण में कोर्ट से कदम दर कदम जीत हो रही है। यह श्रीकृष्ण का आशीर्वाद है। सुप्रीम कोर्ट में अब 9 जनवरी को ईदगाह पक्ष की दो एसएलपी पर सुनवाई होनी है। दोनों एसएलपी के विरोध में मजबूत दलीलें पेश की जाएंगी।
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