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केदारनाथ धाम- हर-हर महादेव के जयकारों के साथ शीतकाल के लिए बंद हुए केदारनाथ धाम के कपाट,18 हजार से ज्यादा  श्रद्धालु इस पावन पल के साक्षी बने।

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केदारनाथ धाम के कपाट आज भाई दूज के पर्व पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इस मौके पर हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए। तड़के 4 बजे से कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी।  भगवान आशुतोष के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप दिया गया। इसके उपरांत विधि-विधान से मंदिर के कपाट सुबह 8.30 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।

धाम में 18644 श्रद्धालु इस पावन पल के साक्षी बने। कपाट बंद होने पर सेना की बैंड धुनों पर श्रद्धालु जमकर झूमे। हर किसी की जुबां से हर हर महादेव के जयकारे सुनाई दिए
बता दें कि इस यात्राकाल में 1652076 श्रद्धालु धाम पहुंचे। जबकि 2023 में 19 लाख, 2022 में 15 लाख 63 हजार और 2019 में 10 लाख तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए थे।

चल उत्सव विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए रवाना

कपाट बंद होने के बाद सेना की बैंड धुनों के साथ बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने धाम से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ के लिए प्रस्थान कर दिया है। बाबा केदार की डोली पहले रात्रि प्रवास पर रामपुर पहुंचेगी।

सोमवार को डोली रामपुर से रात्रि प्रवास के लिए गुप्तकाशी और मंगलवार को गुप्तकाशी से पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी। जहां पर सभी धार्मिक मान्यताओं के निर्वहन के साथ बाबा केदार की पंचमुखी चल उत्सव विग्रह डोली को छह माह की पूजा के लिए मंदिर में विराजमान किया जाएगा।

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