बीजेपी ने रविवार को केदारनाथ उपचुनाव के लिए पूर्व विधायक आशा नौटियाल को प्रत्याशी घोषित किया है। बता दें कि आशा बीजेपी से पहले भी विधायक रह चुकी हैं। वर्तमान में आशा नौटियाल भाजपा महिला मोर्चे की अध्यक्ष हैं। इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने पूर्व विधायक मनोज रावत को उम्मीदवार घोषित किया है।
13 दावेदारों में से मनोज को प्रत्याशी घोषित किया
कांग्रेस हाईकमान ने 13 दावेदारों में से मनोज को प्रत्याशी घोषित किया। सोमवार को जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग में मनोज रावत नामांकन करेंगे। जिसमें पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता समर्थन में मौजूद रहेंगे।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रत्याशी की घोषणा की। मनोज रावत ने पहली बार 2017 में केदारनाथ विधानसभा सीट से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद दूसरी बार 2022 विस का चुनाव हार गए। मनोज 12557 मत लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व सीएम हरीश रावत, गणेश गोदियाल, विधायक प्रीतम सिंह समेत अन्य नेताओं की पैरवी से मनोज रावत ने टिकट पाने में बाजी मारी।
उत्तराखंड राज्य बनने के बाद वर्ष 2002 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में वह केदारनाथ विस की पहली विधायक चुनी गईं, तब वह भाजपा से प्रत्याशी थीं।
वर्ष 2007 में भी उन्हें क्षेत्रीय जनता ने अपना विधायक चुना था। इसके बाद दो बार चुनाव में उन्हें पराजय मिली। ऊखीमठ विकासखंड के दिलमी गांव निवासी आशा नौटियाल एक सामान्य परिवार से संबंध रखती हैं। उनके पति रमेश नौटियाल पत्रकारिता से जुड़े रहे हैं। वह वर्ष 1996 में पहली बार ऊखीमठ वार्ड से निर्विरोध जिला पंचायत सदस्य चुनी गईं।
इसके बाद वर्ष 1997-98 में उन्हें भाजपा ने जिला उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी और वर्ष 1999 में उन्हें महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष चुना गया। सौम्य व्यवहार और निरंतर जनसंपर्क की वजह से वर्ष 2002 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में आशा नौटियाल को भाजपा ने केदारनाथ विस से प्रत्याशी बनाया और वह विजयी हुईं। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी दिवंगत विधायक शैलारानी रावत को पराजित किया था।
कुछ समय बाद आशा नौटियाल की पुन: पार्टी में वापसी हुई और वह क्षेत्र में सक्रिय हो गईं। वर्ष 2022 में पार्टी ने पुन: शैलारानी रावत को प्रत्याशी बनाया और वह जीत गईं। वहीं, आशा नौटियाल को महिला मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया, जिसके बाद वह सीधे हाईकमान के संपर्क में आ गईं। इस बार सदस्यता अभियान में भी वह गांव-गांव संपर्क करती दिखीं। विस क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है।