भारत ने अचानक चिनाब नदी से छोड़ा 28000 क्यूसेक पानी,पाकिस्तान में बाढ़ की चेतावनी

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भारत ने करीब 24 घंटे की गेटबंदी के बाद चिनाब नदी से मराला हेड में 28,000 क्यूसेक पानी छोड़ा है। अचानक छोड़े पानी से पाकिस्तान के सियालकोट, गुजरात व हेड कादिराबाद में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है। जलस्तर में अचानक उतार-चढ़ाव से बाढ़ और कृषि पर पड़ने वाले प्रभाव ने पाकिस्तान की चिंता बढ़ा दी है।

पहलगाम हमले के बाद सिंधु संधि को स्थगित कर चुके भारत ने बगलिहार व सलाल बांधों के सभी द्वार बंद कर दिए थे। इससे हेड मराला के पास नदी का जल प्रवाह सामान्य 25,000-30,000 क्यूसेक से घटकर 3,100 क्यूसेक रह गया और नदी लगभग सूख गई। लगभग 24 घंटे गेट बंद रखने के बाद भारत ने अचानक 28,000 क्यूसेक पानी छोड़ दिया, जिससे नदी का बहाव तेज हो गया। पाकिस्तानी अधिकारियों ने सियालकोट, गुजरात व हेड कादिराबाद में स्थानीय लोगों को बाढ़ के खतरे से आगाह किया, जिससे घरों, बुनियादी ढांचे और कृषि भूमि को नुकसान हो सकता है।

पानी रोकने से पड़ोसी देश के 24 शहरों में गहराया जल संकट
रविवार को जम्मू के रामबन में बने बागलिहार डैम से चिनाब का पानी रोका गया था। इसके चलते पाकिस्तान के सियालकोट में चिनाब नदी के पानी का स्तर घटकर 15 फीट रह गया है। एक दिन में ही जल स्तर 7 फीट गिर गया है।

चिनाब के लगातार सूखने से चार दिन बाद पंजाब के 24 अहम शहरों में तीन करोड़ से ज्यादा नागरिकों को पीने के पानी के लिए दिक्कत का सामना करना पड़ा। पाकिस्तान के फैसलाबाद और हाफिजाबाद जैसे बड़े शहरों की 80 फीसदी आबादी चिनाब नदी के पानी पर निर्भर है। पाकिस्तान ने आशंका जताई थी कि पानी रोके जाने से खरीफ की बुवाई में 21 फीसदी की कमी आएगी।

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