रामनगरी अयोध्या में शुक्रवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के दौरे का दूसरा और अंतिम दिन रहा। इस दिन उन्होंने रामलला के दर्शन किए। इसके बाद अवध विश्वविद्यालय के सभागार में आंगनबाड़ी संसाधन किट का वितरण किया। इस दौरान अयोध्या धाम में एक भी आंगनबाड़ी केंद्र न होने पर राज्यपाल ने चिंता जताई।
महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने जानकारी दी कि अयोध्या धाम में 75 आंगनबाड़ी केंद्र की जरूरत है। राज्यपाल ने कहा कि मठ मंदिरों में बहुत सी जमीन खाली पड़ी है। वहां पर व्यवस्था करके आंगनबाड़ी केंद्र खोला जा सकता है। उन्होंने कहा कि वह सरकार से भी कहेंगी कि बजट में अयोध्या धाम में आंगनबाड़ी केंद्र खोलने के लिए प्रावधान करें।
दूसरी तरफ बाल विकास पुष्टाहार के बजट को लेकर जिला प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई। राज्यपाल ने कहा कि बजट आता है लेकिन समय से आंगनबाड़ी केंद्रों को संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जाते। वित्तीय वर्ष के अंतिम महीने मार्च में ही बजट खर्च किया जाता है।
राज्यपाल ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह परंपरा अब बदलनी होगी। वहीं, दूसरी तरफ राज्यपाल ने कहा कि कक्षा पांच तक के बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाने की जरूरत नहीं है। कक्षा पांच तक के बच्चों को अपनी मातृभाषा में ही पढ़ाया जाए। मातृभाषा में ही बच्चे सशक्त होते हैं।
राज्यपाल ने अवध विश्वविद्यालय के सभागार में 501 आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकत्रियों को संसाधन किट वितरित किया। पांच प्राइमरी स्कूलों को स्मार्ट क्लास के लिए एलईडी सौंपी। इसके साथ ही 20 ई टेंपो को हरी झंडी दिखाई, जिसे महिलाएं शहर में चलाती दिखाई पड़ेंगी। इस दौरान आंगनबाड़ी नन्हे बच्चों ने मनमोहन प्रस्तुति दी, जिसे देखकर राज्यपाल और मौजूद अधिकारियों ने सराहना की।