चुनावी मौसम: बड़ी खबर- विधायकों के इस्तीफों की लगी लाइन..
कैथल से जननायक जनता पार्टी के नेता पालाराम सैनी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने जजपा पार्टी से लोकसभा चुनाव लड़ा था। आज मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। मेरे साथी नेताओं ने मुझ पर दबाव बनाया। जजपा के जिला अध्यक्ष रणदीप कौल ने चुनाव के दौरान पार्टी और मेरा साथ नहीं दिया। अपने साथियों और कार्यकर्ताओं से सलाह मशविरा करने के बाद अगला कदम उठाया जाएगा।
कैथल के गुहला के विधायक ईश्वर सिंह के पार्टी छोड़ने के एक दिन बाद ही जजपा को एक और झटका लगा है। अब जजपा से लोकसभा उम्मीदवार व शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष पाला राम सैनी ने भी जजपा छोड़ दी है।
बता दें कि पाला राम सैनी ने भाजपा को अलविदा कर जजपा ज्वाइन की थी। अब एक बार फिर से पाला राम सैनी भाजपा का दामन थाम सकते हैं। पाला राम ने पार्टी छोड़ने की घोषणा रविवार को एक निजी होटल में पत्रकार वार्ता करके दी है। पाला राम सैनी ने कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा था। आज उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
क्योंकि अब उनके साथी नेताओं ने उन पर दबाव बनाया। पाला राम सैनी ने जजपा के जिला अध्यक्ष रणदीप कौल व शहरी स्थानीय निकाय विभाग के जिला अध्यक्ष अनिल चौधरी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन दोनों ही नेताओं ने चुनाव के दौरान पार्टी और उनका साथ नहीं दिया है।
पाला राम सैनी ने कहा कि लोकसभा चुनाव उन्हें पार्टी ने महज साढ़े छह लाख रुपये ही दिए थे। जबकि उन पर पार्टी के कई नेताओं ने पार्टी से काफी अधिक राशि लेने का आरोप लगाया था। बता दें कि इससे पहले पाला राम सैनी की पत्नी कमलेश सैनी ने 2022 में कैथल नगर परिषद का चुनाव लड़ करीब छह हजार वोट प्राप्त किए थे।
2021 में छोड़ी थी भाजपा, 2022 के अंत में जजपा में हुए थे शामिल
पाला राम सैनी ने करीब दो साल पहले ही 21 जुलाई 2022 में जजपा को ज्वाइन किया था जबकि इससे पहले वर्ष 2021 में भाजपा को छोड़ दिया था। वहीं, जून 2022 में हुए नगर निकाय के चुनावों के तहत कैथल नगर परिषद से उनकी धर्मपत्नी पुष्पा सैनी ने अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था।
2019 में 10 विधायकों के साथ किंगमेकर बनी थी पार्टी
विधानसभा चुनाव से डेढ़ महीना पहले जननायक जनता पार्टी (जजपा) में विधायकों के इस्तीफे की झड़ी लग गई है। उकलाना से विधायक अनूप धानक, टोहाना से देवेंद्र बबली, गुहला चीका से ईश्वर सिंह व शाहबाद से रामकरण काला ने इस्तीफा दे दिया है। इनमें धानक व बबली तो पांच साल तक भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के मंत्री भी रह चुके हैं। जजपा के दो विधायक राम निवास सुरजाखेड़ा व जोगी राम सिहाग पहले से भाजपा के संपर्क में हैं।
चारों विधायकों ने पार्टी छोड़ने के बाद यह खुलासा नहीं किया कि वह किस दल में जा रहे हैं, लेकिन चर्चा है कि तीन विधायक कांग्रेस व एक भाजपा का दामन थाम सकता है। इसी साल भाजपा से अलग होते ही जजपा के सामने बड़ा संकट आ खड़ा हो गया। लोकसभा चुनाव से पहले ही पार्टी के विधायकों ने बगावत कर दी थी। इन विधायकों ने पार्टी की मीटिंग व प्रेसवार्ता तक में जाना छोड़ दिया था। उसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि बगावती तेवर अपनाने वाले यह विधायक कभी भी पार्टी छोड़ सकते हैं।
लोकसभा चुनाव में दो विधायकों ने भाजपा के पक्ष में किया था प्रचार
विधायक जोगी राम सिहाग व राम निवास तो खुलकर भाजपा के समर्थन में आ गए हैं। लाेकसभा चुनाव में उन्होंने खुलकर भाजपा के पक्ष में प्रचार किया था। हालांकि पार्टी से इन लोगों ने अभी इस्तीफा नहीं दिया गया, मगर पार्टी इन्हें कार्यक्रमों में नहीं बुलाती है। चर्चा है कि भाजपा जजपा के दोनों बगावती विधायकों को टिकट दे सकती है।
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