क्रीमियाई पुल: यूक्रेन ने रूस को क्रीमिया से जोड़ने वाले पुल को बनाया निशाना,पानी के नीचे लगाए थे विस्फोटक

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यूक्रेन ने मंगलवार को कहा कि उसने उस पुल को निशाना बनाया है, जो रूस को क्रीमिया से जोड़ता है। यह हमला पानी के नीचे विस्फोटक लगाकर किया गया। साल 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेन का इस पुल पर यह तीसरा हमला है। इस पुल के जरिए रूसी सेना महत्वपूर्ण आपूर्ति करता था। सीएनएन की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी एसबीयू ने टेलीग्राम पर बताया कि उनके एजेंटों ने क्रीमियाई पुल (जिसे केर्च ब्रिज भी कहा जाता है) के सड़क और रेलवे वाले हिस्सों को सहारा देने वाले खंभों में विस्फोटक लगाए थे। पहला विस्फोट मंगलवार सुबह 4:44 बजे किया गया। एजेंसी ने बताया कि इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने में कई महीने लगे।

एसबीयू ने कहा कि हमले में 1,100 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था, जिससे पुल को सहारा देने वाले पानी के नीचे के खंभों को गंभीर नुकसान पहुंचा। मंगलवार सुबह पुल पर ट्रैफिक रोक दिया गया, फिर दोपहर में भी रोका गया और शाम छह बजे के करीब फिर से आवागमन शुरू किया गया। नुकसान का पूरा आकलन तुरंत नहीं हो पाया है।

 

रविवार को भी एसबीयू ने रूस के उन हवाई अड्डों पर एक बड़ा ड्रोन हमला किया, जहां रूस के परमाणु क्षमता वाले बमवर्षक विमान तैनात थे। एसबीयू प्रमुख वासुल मलियूक ने बताया कि उस हमले से रूस को करीब 7 अरब डॉलर का नुकसान हुआ और रूस की रणनीतिक क्रूज मिसाइल ले जाने वाले 34 फीसदी विमान बुरी तरह प्रभावित हुए। ये वही विमान थे जो पूरे युद्ध के दौरान यूक्रेन के शहरों पर हमले कर रहे थे।

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एसबीयू ने कहा कि मंगलवार के पुल  पर हमले की निगरानी भी मलियूक ने ही की। उन्होंने कहा कि एसबीयू जब कोई काम करती है तो उसे पूरा करता है और एक ही दोहराती नहीं है। हमने पहले 2022 और 2023 में क्रीमियाई पुल पर दो बार हमले किए  और आज हमने ये परंपरा जारी रखी, इस बार पानी के नीचे से।

मलियूक ने जोर देकर कहा कि यह पुल पूरी तरह से वैध सैन्य लक्ष्य था, क्योंकि रूस इसका इस्तेमाल यूक्रेन के भीतर लड़ रही अपनी सेना को आपूर्ति देने के लिए करता था। यह पुल केवल एक सप्लाई लाइन ही नहीं, बल्कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए एक प्रतीकात्मक महत्व भी रखता है। यह पुल 2014 में रूस द्वारा क्रीमिया पर कब्जे के बाद बनाया गया था और पुतिन ने 2018 में इसका उद्घाटन किया था। इसकी लागत करीब 3.7 अरब डॉलर आई थी।


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