Breaking News

भ्रष्टाचार: फंस गए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया,अब चलेगा कर्नाटक के CM पर मुकदमा,राज्यपाल ने मुकदमा चलाने की दी मंजूरी

1 0
Spread the love

भ्रष्टाचार: फंस गए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया,अब चलेगा कर्नाटक के CM पर मुकदमा,राज्यपाल ने मुकदमा चलाने की दी मंजूरी

मुडा मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया बुरी तरह फंस गए हैं। भाजपा ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है और अब राज्यपाल ने भी सीएम के खिलाफ मुडा मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने बीते दिनों MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) के कथित भूमि घोटाले में मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कैबिनेट की राय मांगी थी। जिसके बाद गुरुवार को मंत्रिपरिषद की बैठक हुई, जिसमें राज्यपाल को कारण बताओ नोटिस वापस लेने की सलाह दी गई। साथ ही मंत्रिपरिषद ने इसे बहुमत से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करार दिया।

कानूनी विशेषज्ञों से सलाह के बाद राज्यपाल ने दी मुकदमा चलाने की मंजूरी
हालांकि राज्यपाल ने कानूनी विशेषज्ञों से इस संबंध में राय ली। जिसके बाद राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। इस मामले में शिकायतकर्ताओं ने मुडा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17 और 19 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी। भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता टीजे अब्राहम समेत कई अन्य शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि मुडा घोटाले में अवैध आवंटन से राज्य के खजान को 45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। शिकायत में सीएम सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, बेटे और मुडा के आयुक्त के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की गई थी।

और पढ़े   बाबा वेंगा की भविष्यवाणियां: 2025 में प्रलयकारी घटना से मचेगी तबाही,क्या है बाबा वेंगा की डरावनी भविष्यवाणियां

क्या है मुडा भ्रष्टाचार मामला
मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण या मुडा, कर्नाटक की राज्य स्तरीय विकास एजेंसी है। इस एजेंसी का काम शहरी विकास को बढ़ावा देना और गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे का विकास करना है। साथ ही लोगों को किफायती कीमत पर आवास उपलब्ध कराना है। मुडा शहरी विकास के दौरान अपनी जमीन खोने वाले लोगों के लिए एक योजना लेकर आई थी। 50:50 नाम की इस योजना में जमीन खोने वाले लोग विकसित भूमि के 50% के हकदार होते थे। यह योजना 2009 में पहली बार लागू की गई थी। जिसे 2020 में तत्कालीन भाजपा सरकार में बंद कर दिया गया।

आरोप है कि योजना के बंद होने के बाद भी मुडा ने 50:50 योजना के तहत जमीनों का अधिग्रहण और आवंटन जारी रखा। सारा विवाद इसी से जुड़ा है। आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को इसी के तहत लाभ पहुंचाया गया। आरोप है कि मुख्यमंत्री की पत्नी की 3 एकड़ और 16 गुंटा भूमि मुडा द्वारा अधिग्रहित की गई। इसके बदले में एक महंगे इलाके में 14 साइटें आवंटित की गईं। मैसूर के बाहरी इलाके केसारे में यह जमीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने 2010 में उपहार स्वरूप दी थी। आरोप है कि मुडा ने इस जमीन का अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर तृतीय चरण की योजना विकसित कर दी।

मुआवजे के लिए मुख्यमंत्री की पार्वती ने आवेदन किया जिसके आधार पर, मुडा ने विजयनगर III और IV फेज में 14 साइटें आवंटित कीं। यह आवंटन राज्य सरकार की 50:50 अनुपात योजना के तहत कुल 38,284 वर्ग फीट का था। जिन 14 साइटों का आवंटन मुख्यमंत्री की पत्नी के नाम पर हुआ उसी में घोटाले के आरोप लग रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि पार्वती को मुडा द्वारा इन साइटों के आवंटन में अनियमितता बरती गई है।

और पढ़े   विधानसभा चुनाव हरियाणा: बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट की हुई राजनीति में एंट्री, थामा कांग्रेस का हाथ
Happy
Happy
100 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

https://whatsapp.com/channel/0029Va8pLgd65yDB7jHIAV34 Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now