अयोध्या: राम कथा की गंगा में भक्तों को अवगाहन
दशरथ महल, बड़ा स्थान में श्री राम जन्मोत्सव (श्री राम नवमी) के पावन पर्व पर यशस्वी विंदुगद्याचार्य स्वामी श्री देवेन्द्र प्रसादाचार्य जी महाराज की अध्यक्षता एवम महंत श्री राम भूषण दास कृपालु जी महाराज के व्यवस्थापकत्व में हो रही श्री राम कथा की सुधावृष्टि में अनेकानेक संत महंत रामकथा के रसिक भक्त कृतकृत्य हो रहे हैं। श्री रामकुंज पीठाधीश्वर डा० रामानंद दास जी महाराज श्री राम कथा की गंगा में भक्तों को अवगाहन करा रहे हैं। भक्तों को श्री राम कथा रस का पान कराते हुए कहते हैं भगवान शंकर काक भुषुण्डी जी के साथ स्वरूप बदलकर महाराज दशरथ जी के राजमहल में प्रभु श्री राम लला का दर्शन करने पधारते हैं। ज्योतिषी बनकर भगवान शंकर एवम काक भुशुण्डी जी राजमहल में पधारे। स्वर्ण चौकी पर ज्योतिषी जी को पाय पधारकर दिव्य वस्त्र, भोजन कराया माता कौशल्या जी ने। चारो लालाओं को लेकर दासियां आई। चारों लालाओं के सिर पर हाथ रखाया। चारों लालाओं को गोद में लेकर ज्योतिषी शंकर
जी) हस्त रेखा देखने लगे। शंकर जी ने श्री राम जी के जन्म का समस्त प्रसंग कह सुनाया। सिया जी के स्वयंवर का प्रसंग भी कह सुनाया। भगवान शंकर जी चले गए। काक भुषुण्ड जी अयोध्या में ही रह गए। राम जी के जूठन का प्रसाद ग्रहण करते हैं। इस पुनीत अवसर पर श्री संत, महंत, रामकथा के रसिक श्री राम लला का दर्शन करने पध् गोद में लेकर ज्योतिषी जी (शंकर हनुमत सदन के श्री महंत अवध किशोर शरण जी नाका सिद्दीपेट हनुमानश्री राम दास जी महाराज प्रस्तुति भजन के दरबार में राघव सुनने दिल आए हैं
श्री राम कुमार दास जी, पत्थर मंदिर के श्री महंत मनीष दास जी, कासी से पधारे महंत
श्री कासी दास जी महाराज,
महंत श्री राम कृष्ण दास जी
श्री किशोर शरण जी, नाका सिद्ध पीठ हनुमान गढ़ी के पीठाधीश्वर श्री राम दास जी महाराज द्वारा प्रस्तुत भजन, तेरे दरबार में राघव सुनाने दिल की आए हैं,
हनुमान गढ़ी के महंत श्री बलराम दास
स्वयम को कृतार्थ करते रहे।
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