ब्रेकिंग न्यूज :

उत्तराखंड हाईकोर्ट: हरिद्वार में 2005 में हुए हत्याकांड के तीनों आरोपियों की उम्रकैद की सजा बरकरार

Spread the love

उत्तराखंड हाईकोर्ट: हरिद्वार में 2005 में हुए हत्याकांड के तीनों आरोपियों की उम्रकैद की सजा बरकरार

नैनीताल हाईकोर्ट ने हरिद्वार में वर्ष 2005 में हुए हत्याकांड मामले में निचली अदालत से मिली आजीवन कारावास की सजा पाये तीन अभियुक्तों की सजा पर सुनवाई के बाद निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए उनकी अपील को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने तीनों की अपील पर पिछले माह सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था जिसके बाद कोर्ट ने 24 जुलाई को आदेश जारी किया। वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।

मामले के अनुसार हरिद्वार के ज्वालापुर में वर्ष 2005 में महिपाल सिंह नामक एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। हत्या के तीन आरोपियों राजवीर, रामवीर व रामभजन के खिलाफ ज्वालापुर थाने में मृतक के भतीजे रामवीर सिंह ने एफआईआर दर्ज कराई थी जिसमें कहा गया कि तीनों ने गांव में 2003 में छह लोगों की हत्या कर दी थी और मृतक महिपाल सिंह इस मामले का चश्मदीद गवाह था। आरोपी मृतक पर गवाही न देने का दबाव बना रहे थे। घटना के दिन जब मृतक महिपाल सिंह, रामवीर सिंह और भतीजे अनिल सिंह के साथ नरेंद्र सिंह के घर से निकल रहे थे तो अपीलकर्ताओं ने यासीन बाग के पास उन पर गोली चला दी।

गोली महिपाल सिंह को लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। हरिद्वार के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (चतुर्थ) की अदालत ने राजबीर सिंह को वर्ष 2014 में हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और 10000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई जबकि रामवीर सिंह और दूसरे अभियुक्त रामभजन को वर्ष 2019 में आजीवन कारावास के साथ ही दस साल की अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई। तीनों आरोपियों की ओर से निचली अदालत के आदेश के खिलाफ वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में अलग अलग अपील दायर की गई। खंडपीठ ने इन अपीलों की एक साथ सुनवाई करते हुए उन्हें खारिज कर दिया।

और पढ़े  उत्तराखंड: मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं के लिए खुले आदिबदरी मंदिर के कपाट,शुरू हुए शीतकालीन दर्शन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!