
लखनऊ में राष्ट्रीय बौद्ध महासम्मेलन के दौरान हिन्दू धर्म और देवी-देवताओं को न मानने की शपथ दिलाई गई है
दिल्ली के बाद अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित राष्ट्रीय बौद्ध महासम्मेलन को लेकर विवाद छिड़ गया है. रविवार (9 अक्टूबर) को हुए सम्मेलन में दिल्ली की तर्ज पर हिन्दू धर्म और देवी-देवताओं को न मानने की शपथ दिलाई गई है. इस सम्मेलन में आये लोगों को शपथ दिलाई गई जिसमें ब्रह्मा, विष्णु, महेश, राम, कृष्ण गौरी, शंकर आदि देवी-देवताओं का निषेध करने की बात कही गई.
इसके अलावा सम्मेलन में ब्राह्मण समाज का बहिष्कार करने की शपथ दिलाई गई. इस सम्मेलन में छोटे-छोटे बच्चों को भी लाया गया और उन बच्चों को भी इस तरह की शपथ दिलवाई गई. सम्मेलन में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे. ये शपथ भन्ते सुमित रत्न ने दिलवाई है. सुमित रत्न की उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के साथ की एक तस्वीर वायरल हुई थी.
इससे पहले बीते बुधवार (5 अक्टूबर) को बौद्ध धर्म अपनाने की दीक्षा लेने के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अंबेडकर भवन में भी ऐसा कार्यक्रम हुआ था जिसमें 10,000 से अधिक लोग एकत्र हुए थे. इस कार्यक्रम का एक वीडियो भी वायरल हुआ था.
इस कार्यक्रम में आप नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम भी मौजूद थे. उन पर कथित तौर पर आरोप लगा था कि उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं की पूजा नहीं करने का संकल्प लिया था. इस वीडियो के वायरल होने के बाद राजेंद्र पाल गौतम ने माफी मांगी और बीजेपी (BJP) पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया था.
राजेंद्र पाल गौतम ने कहा था कि मैंने मीडिया में देखा कि बीजेपी मेरे बारे में अफवाहें फैला रही है. मैं बहुत धार्मिक व्यक्ति हूं. मैं सभी देवी-देवताओं का सम्मान करता हूं और कभी भी अपमान करने का सपना नहीं देख सकता. मैंने किसी की आस्था के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा. मैं सभी की आस्था का सम्मान करता हूं. इस विवाद के बाद आम आदमी पार्टी के नेता राजेंद्र पाल गौतम ने रविवार 9 अक्टूबर को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया