राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के लिए आयोजित राजकीय भोज में भारत के अलग-अलग क्षेत्रों के खास पकवान शामिल थे। इस भोज में भारत की विविध परंपराओं को सामने रखा गया। मेहमानों को गुच्ची दून चेटीन (कश्मीरी अखरोट की चटनी के साथ भरी मशरूम), अचारी बैंगन और पीली दाल तड़का जैसे स्वादिष्ट व्यंजन परोसे गए।
बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर चार साल बाद भारत दौरे पर हैं। अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान वे कई कार्यक्रमों में शामिल हुए हैं। इसमें प्रधानमंत्री आवास पर रात्रिभोज, राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत, राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि, भारत-रूस वार्षिक शिखर वार्ता, भारत-रूस बिजनेस फोरम समेत कार्यक्रम शामिल है।
बंगाल की मिठाई तो दक्षिण भारत का नास्ता
मिठाइयों में बंगाल की गुर सेंधेश और दक्षिण भारत का लोकप्रिय नाश्ता मुरक्कू भी शामिल था। मुख्य व्यंजनों के साथ सूखे मेवे और केसर के पुलाव, लच्छा पराठा और मग़ज़ नान परोसे गए। ठंड को ध्यान में रखते हुए भोज का समापन बादाम का हलवा जैसे गर्म और स्वादिष्ट व्यंजनों से हुआ।
भोज के दौरान बॉलीवुड और रूसी धुनों की प्रस्तुति
इतना ही नहीं खास बात रही कि भोज के दौरान नेवल बैंड और क्लासिकल इंस्ट्रूमेंटल एनसेंबल ने भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ बॉलीवुड और रूसी धुनों की प्रस्तुति दी। बैंड ने शाहरुख खान की फिल्म फिर भी दिल है हिंदुस्तानी का गीत बजाया, वहीं रूसी लोकगीत कालिंका और राग अमृतवर्षिणी व नलिनकंठी की धुनें भी प्रस्तुत की गईं।
क्लासिकल एनसेंबल ने सरोद, सरंगी और तबला जैसे पारंपरिक वाद्यों पर कला का प्रदर्शन किया और रूसी संगीतकार प्योटर इलिच त्चाइकॉव्स्की को श्रद्धांजलि देते हुए द नटक्रैकर सुइट भी पेश किया। इस तरह भोज में भारतीय व्यंजनों और संगीत के माध्यम से दोनों देशों के बीच गहरी सांस्कृतिक कनेक्शन का शानदार प्रदर्शन किया गया।







