
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने कहा कि सुबह सात बजे से अखाड़ों का प्रवेश मंदिर परिसर में होने लगा। इस दौरान हजारों नागा साधु-संन्यासी राजसी यात्रा में शामिल रहे।

ब्रह्ममुहूर्त में स्नान के बाद अखाड़ों से निकले नागा साधु, गोदौलिया पर एकत्र हुए
महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ को धर्मध्वजा अर्पित करने के लिए नागा साधु ब्रह्ममुहूर्त से ही तैयारियां शुरू कर दिए। गंगा स्नान करने के बाद सुबह चार बजे राजघाट से अग्नि अखाड़े के साधु, आदिकेशव घाट से आनंद अखाड़े के नागा और सुबह छह बजे हनुमान घाट स्थित श्री शंभू पंचदशनाम जूना अखाड़े से नागा संन्यासी निकले। सभी अखाड़े एक साथ गोदौलिया पर एकत्र हुए और वहां से बाबा विश्वनाथ के धाम के लिए रवाना हुए। पेशवाई में 12 रथ, घोड़े, डमरू दल के साथ बैंडबाजा भी शामिल रहा।
महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ को धर्मध्वजा अर्पित करने के लिए नागा साधु ब्रह्ममुहूर्त से ही तैयारियां शुरू कर दिए। गंगा स्नान करने के बाद सुबह चार बजे राजघाट से अग्नि अखाड़े के साधु, आदिकेशव घाट से आनंद अखाड़े के नागा और सुबह छह बजे हनुमान घाट स्थित श्री शंभू पंचदशनाम जूना अखाड़े से नागा संन्यासी निकले। सभी अखाड़े एक साथ गोदौलिया पर एकत्र हुए और वहां से बाबा विश्वनाथ के धाम के लिए रवाना हुए। पेशवाई में 12 रथ, घोड़े, डमरू दल के साथ बैंडबाजा भी शामिल रहा।

निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि भी पेशवाई में हुए शामिल
निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि मंगलवार को बनारस पहुंच गए। दुर्गाकुंड में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने उनका स्वागत किया। पेशवाई में महामंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत और सभापति शामिल हुए।
निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि मंगलवार को बनारस पहुंच गए। दुर्गाकुंड में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने उनका स्वागत किया। पेशवाई में महामंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत और सभापति शामिल हुए।