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आखिरकार उत्तराखंड के लोगों के साथ ही पर्यटकों का इंतजार भी खत्म हुआ। प्रदेश में मौसम ने करवट बदल ली और चारों धामों में सीजन की पहली बर्फबारी हुई। चारधाम समेत प्रदेश के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी और मैदानी जिलों में बारिश और हवाओं ने एकदम से पारा गिरा दिया, जिससे ठंड में काफी इजाफा हो गया।
पहाड़ों में बर्फबारी होने से जहां पर्यटकों का इंतजार खत्म हुआ, वहीं काश्तकारों के साथ ही स्थानीय कारोबारियों के चेहरे भी खिल गए। उधर, देहरादून समेत कई जिलों में देर शाम बारिश ने ठिठुरन बढ़ा दी।
अचानक बदले मौसम के मिजाज के साथ ही गंगोत्री व यमुनोत्री धाम सहित हर्षिल घाटी में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। वहीं, जिला मुख्यालय सहित आसपास क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले क्षेत्रो में बारिश के कारण तापमान गिरने से ठंड बढ़ गई है।
बर्फबारी का बेसब्री से था इंतजार
सीमांत जनपद में इस साल बारिश और बर्फबारी का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था। अमूमन यहां नवंबर माह से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश का दौर शुरू हो जाता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ, बल्कि इसकी जगह केवल सूखी ठंड पड़ने से बच्चे और बड़े सभी सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार की चपेट में भी आ रहे थे।
प्राकृतिक झरने भी बर्फ बन गए
वहीं, काश्तकार भी सेब सहित अन्य फसलों के उत्पादन को लेकर चिंता जताने लगे थे। लेकिन रविवार दोपहर बाद अचानक बदले मौसम के साथ गंगोत्री व यमुनोत्री धाम सहित हर्षिल घाटी में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। उधर, यमुनोत्री धाम में भी कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। यहां सर्दी के कारण गरूड़ गंगा का पानी भी जम जा रहा है। वहीं, प्राकृतिक झरने भी बर्फ बन गए हैं।
सीजन की पहली बर्फबारी
चकराता सहित क्षेत्र की ऊंची चोटियों पर भी इस सीजन की पहली बर्फबारी हुई। दिसंबर के दूसरे सप्ताह में चार साल बाद बर्फ पड़ी है। बर्फबारी की शुरूआत से व्यापारी व किसानों के मुरझाए चेहरों पर रौनक आ गई है। मौसम विभाग का रविवार को दिया गया बर्फबारी का पूर्वानुमान सही साबित हुआ।
डेढ इंच बर्फ की परत जमी
रविवार की सुबह से खिली चटक धूप के बाद शाम छह बजे से मौसम बदलने लगा। देखते ही देखते आसमान में बादल छाने लगे। जिसके बाद शाम पौने सात बजे क्षेत्र के छावनी बाजार, लोखंडी, लोहारी, देवबन, मुंडाली, खडंबा, जाड़ी, कोटी, कनासर आदि ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बारिश शुरू हुई और कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई। इसके कुछ ही देर बाद बर्फ की फुहार पड़ने लगी। बर्फबारी वाले इलाकों में एक से डेढ इंच बर्फ की परत जम गई।
चकराता में मौजूद पर्यटकों ने उठाया लुत्फ
क्षेत्र में बने बर्फबारी के मौसम का लुत्फ चकराता घूमने आए पर्यटकों ने खूब उठाया। अचानक से हुई बर्फबारी से उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। ऐसे में उन्होंने बर्फ के साथ फोटो खिंचाते हुए बर्फबारी की वीडियो बनाकर अपने परिजनों व यार-दोस्ताें के साथ शेयर की।
व्यापारी व किसानों के खिले चेहरे
इस बार बरसात के बाद से बारिश नहीं होने व बर्फबारी के लेट होने की संभावनाओं के चलते क्षेत्र के किसानों और व्यापारियों के चेहरे मुरझाए हुए थे। लेकिन अचानक से हुई बर्फबारी से उनके चेहरे खिल गए हैं। होटल व्यवसायी व लोखंडी निवासी रोहन राणा, नीलेश, सत्य चौहान, वरुण सिंह, जोशी, प्रदीप, अनुपम तोमर ने बताया कि बर्फबारी से क्षेत्र में पर्यटकों की आमद बढ़ेगी जिसका लाभ व्यापारियों को मिलेगा। इसी प्रकार से क्षेत्र के किसान कलम सिंह चौहान, विजय पाल रावत, जगत राम नौटियाल ने बताया कि बर्फबारी का लाभ सेब की फसल को व्यापक स्तर पर मिलेगा।
केदारनाथ में तापमान माइनस 11 डिग्री तक पहुंचा
केदारनाथ, मद्महेश्वर, तुंगनाथ सहित अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दोपहर बाद से मौसम खराब हो गया। यहां घने बादल छाए रहे, जिससे यहां कड़ाके की ठंड पड़ रही है। रविवार को सुबह से मौसम साफ रहा और धूप खिली रही। दिन चढ़ने के साथ मौसम साफ रहा, लेकिन दोपहर बाद आसमान में हल्के बादल छाने लगे।
अपराह्न बाद तक यहां घने बादल छाए रहे। साथ ही बादलों की गर्जना होती रही। केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य में जुटे सेवानिवृत्त कैप्टीन सोवन सिंह बिष्ट ने बताया कि अधिकतम तापमान माइनस 8 और न्यूनतम माइनस 11 डिग्री सेल्सियश रहा। इधर, जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग सहित जिले के अन्य क्षेत्रों में मौसम ने दोपहर बाद करवट ली। देर शाम तक यहां घने बादल छाए रहे।
हल्की बारिश के साथ बर्फबारी होने के आसार
ऊंचाई वाले इलाकों में आठ और नौ दिसंबर को हल्की बारिश के साथ बर्फबारी होने के आसार जताए हैं। इसके चलते प्रदेश में पहाड़ से लेकर मैदान तक तापमान गिरने से ठिठुरन और भी बढ़ सकती है।
देर शाम को बर्फबारी शुरू हो गई
केदारनाथ, मद्महेश्वर, तुंगनाथ सहित अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रविवार को दोपहर बाद मौसम बदला और देर शाम को बर्फबारी शुरू हो गई। केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य में जुटे सेवानिवृत्त कैप्टन सोवन सिंह बिष्ट ने बताया कि धाम में अधिकतम तापमान माइनस 8 और न्यूनतम माइनस 11 डिग्री सेल्सियस चल रहा है।
बूंदाबांदी होने से कड़ाके की ठंड
चमोली जनपद में बदरीनाथ के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रविवार को देर शाम बर्फबारी हुई, जबकि निचले इलाकों में बूंदाबांदी होने से कड़ाके की ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। चीन सीमा क्षेत्र के माणा पास, घस्तोली, बाड़ाहोती, सुमना क्षेत्र में देर शाम से बर्फबारी शुरू हो गई थी। यही हाल हेमकुंड साहिब क्षेत्र में भी रहा।
मसूरी में तापमान गिरकर 8 डिग्री तक पहुंचा
पहाड़ों की रानी मसूरी में रविवार को सुबह चटक धूप के साथ दिन की शुरुआत हुई, लेकिन दोपहर बाद मौसम ने करवट ली और शहर में ठंडी हवा के साथ घने बादल छा गए। इससे शहर में कड़ाके की ठंड हो गई, तापमान में गिरावट दर्ज की गई। शहर में साढ़े चार बजे अधिकतम तापमान 8 डिग्री दर्ज किया गया।
अगले दो दिन बारिश-बर्फबारी का अलर्ट
मौसम वैज्ञानिकों ने ऊंचाई वाले इलाकों में आठ और नौ दिसंबर को हल्की बारिश के साथ बर्फबारी होने के आसार जताए हैं। इसके चलते प्रदेश में पहाड़ से लेकर मैदान तक तापमान गिरने से ठिठुरन और भी बढ़ सकती है।
मौसम होगा शुष्क
10 दिसंबर के बाद प्रदेशभर में फिर मौसम शुष्क हो जाएगा, लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के चलते अधिकतम तापमान में तीन से पांच डिग्री तक की गिरावट दर्ज की जाएगी। इसके चलते पहाड़ से लेकर मैदान तक ठिठुरन बढ़ सकती है।
थराली, देवाल के 30 से अधिक गांव पर बर्फ से ढके, बुग्यालों में भी जमकर बर्फबारी
चमोली जिले के थराली और देवाल गांव के गांव में रविवार रात्रि से जमकर बर्फबारी हो रही है। जिससे दीवाल के 20 और थराली के 10 से अधिक गांव बर्फ से ढक गए हैं। वहीं बुग्यालों में भी जमकर बर्फबारी होने की सूचना है। जबकि घाटी वाले इलाकों में सोमवार तड़के सुबह हल्की बूंदाबांदी हुई। जिससे ए इलाके शीत लहर की चपेट में है। रविवार दोपहर बाद मौसम में करवट ली। और फिर शाम से हल्की बारिश शुरू हुई। तापमान गिरने से सीधे बर्फबारी हुई। थराली तहसील के कोलपुड़ी, रतगाँव सहित आसपास के गांव बर्फ से दब गए हैं। जबकि देवाल के ब्लॉक के हिमालयी क्षेत्र के गाँव लोहाजंग, वाण, वांक, कुलिंग, दीदना, घेस , हिमनी-, बलाण,पिनाऊ सहित 20 से अधिक गांवों में जमकर बर्फबारी हुई। मुख्य पर्यटन स्थल रूपकुंड, वेदनी, आली बुग्याल, ब्रह्माताल, भीकलताल, बगजी बुग्याल, आयजनटाप,गैरोंली पातल, बगुवावासा सहित कई बुग्याली क्षेत्र बर्फ से ढक गए हैं।