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13 जनवरी से 26 फरवरी तक रामनगरी में एक बार फिर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद वाला नजारा देखने को मिलेगा। प्रयागराज के महाकुंभ से विशेष तिथियों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर पहुंचेंगे। इनके लिए नगर निगम की ओर से 3000 की क्षमता का आश्रय स्थल बनाया जाएगा। इसमें लोगों के ठहरने के लिए कई इंतजाम किए जाएंगे।
नगर आयुक्त संतोष शर्मा ने महाकुंभ मेला-2025 के दौरान अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को तमाम तरह की सुविधाएं दिए जाने के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा बैठक विभागीय अधिकारियों के साथ की। इस दौरान नगर निगम की ओर से की जाने वाली सभी व्यवस्थाओं के संबंध में अब तक की प्रगति की समीक्षा की गई। यह तय हुआ कि किसी भी स्तर पर कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए अफसरों की जवाबदेही तय होगी।
नगर आयुक्त ने बताया कि 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आयोजन होना है। इस मेले में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने की संभावना है। प्रयागराज से श्रद्धालुओं का परंपरागत रूप से अयोध्या आगमन भी होता है। इन्हें ठहरने की सुविधा देने के लिए तैयार किए जाने वाले 3000 लोगों की क्षमता के अस्थायी आश्रय स्थल में ठंड से बचाव के इंतजाम रहेंगे।
अयोध्या धाम में रंग-बिरंगी बिजली की मनमोहक सजावट की जाएगी। आवश्यकता के अनुसार पथ प्रकाश की अतिरिक्त व्यवस्था होगी। श्रद्धालुओं को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त संख्या में वाटर कियॉस्क और वाटर एटीएम स्थापित किए जाएंगे। विभिन्न चौराहों को औद्यानिकी गमलों और फूलों से सजाया जाएगा। श्रद्धालुओं को ठंड से बचाने के लिए विभिन्न स्थलों पर गैस हीटर स्थापित किए जाएंगे। अलाव की व्यवस्था भी की जाएगी।
दीवारों पर चित्रात्मक पेंटिंग के साथ बनेंगे स्वागत व तोरण द्वार
स्वच्छता के साथ जनसुविधाओं के लिए पहले से स्थापित सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालयों के साथ 510 अस्थायी बायोटॉयलेट और 30 मोबाइल टॉयलेट की भी व्यवस्था की जाएगी। सरयू में स्नान के बाद महिलाओं के कपड़े बदलने के लिए विभिन्न घाटों पर अस्थायी चेंजिंग रूम स्थापित किए जाएंगे। अयोध्या धाम की सुंदरता और भव्यता को और निखारने के लिए दीवारों पर चित्रात्मक पेंटिंग की जाएगी। जगह-जगह स्वागत द्वार और तोरण द्वार भी बनाए जाएंगे।