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हिमाचल प्रदेश:- बादल फटने से हुई भारी तबाही, 50 लोग लापता..5 शव मिले, स्कूल बंद

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हिमाचल प्रदेश:- बादल फटने से हुई भारी तबाही, 50 लोग लापता..5 शव मिले, स्कूल बंद

हिमाचल प्रदेश में बारिश ने तबाही मचाई हुई है। कुल्लू, मंडी, लाहौल-स्पीति व चंबा जिले में बादल फटे हैं। छह जगह बादल फटने से भारी तबाही मची है। प्रदेश में 50 लोग लापता हो गए हैं। अभी तक पांच शव बरामद हो चुके हैं। 47 घर, 10 दुकानें, 7 पुल, तीन स्कूल, एक डिस्पेंसरी, बस अड्डा, 18 वाहन, दो बिजली प्रोजेक्ट और एक बांध बह गया है। मंडी जिले में 35 लोग सुरक्षित बचाए गए हैं। बादल फटने की घटना के बाद मंडी के पधर के सभी स्कूल और शिक्षण संस्थान आज बंद कर दिए गए हैं। डीसी ने आदेश जारी किए हैं। कुल्लू में भी सभी शिक्षण संस्थान 2 अगस्त के लिए बंद कर दिए गए हैं।

चौहार घाटी के दुर्गम गांव राजवन में बुधवार रात करीब 12:00 बजे बादल फटने के बाद तबाही मच गई। पानी व मलबे की चपेट में आकर तीन घर बह गए। इस त्रासदी में तीन घरों में मौजूद 12 लोग लापता हो गए। हालांकि, बाद में दो घायल अवस्था में मिले। जबकि तीन लोगों के शव बरामद हुए हैं। सात लोग अभी भी लापता हैं। डीसी अपूर्व देवगन और रेस्क्यू टीमें पैदल ही प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना की गईं। मौके पर मौजूद स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटा है। सड़कें और रास्ते टूटने के कारण घटनास्थल तक पहुंचने में दिक्कत आ रही है।

सीएम ने अधिकारियों के साथ की बैठक
बादल फटने की घटना से प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने के लिए अब मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू शुक्रवार को हेलीकॉप्टर के से रवाना होंगे। गुरुवार को खराब मौसम के चलते उड़ान नहीं हो पाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक की सूचना के अनुसार 50 लोग लापता हैं। अधिकारियों के साथ बैठक ली है। राजस्व मंत्री से संपर्क में हैं। हिमाचल के लोगों से अनुरोध कि वे नदी-नालों के किनारे न जाएं। एयरफोर्स को भी तैयार रहने को कहा है। कहा कि सभी अधिकारी जायजा ले रहे हैं। राजस्व मंत्री के साथ मौके के लिए रवाना हुए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात हुई है। उन्होंने एनडीआरएफ की दो टीमें भेजने को कहा है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से भी बात हुई है। प्रदेश की स्थिति नियंत्रण में है। जान-माल की क्षति हुई है। हम इस चुनौती को युद्ध की तरह लड़ रहे हैं। केंद्र से आग्रह किया कि आपदा में मदद करें।

14 टीमें हिमाचल में तैनात: मोहसिन शाहिदी
एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसिन शाहिदी ने हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की घटना पर बताया कि एनडीआरएफ की करीब 14 टीमें हिमाचल में तैनात हैं। कुल्लू, मंडी, शिमला में बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। आज सुबह ही हमारी दो टीमें मंडी के लिए तैनात की गई है। कुल्लू में भी बचाव कार्य जारी है। रामपुर में भी बादल फटा है, वहां छह लोगों को बचाया गया है। तीन लोगों की मृत्यु हुई है और 52 लोग लापता हैं।

पीएम मोदी ने प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने को कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश के मंडी में भारी बारिश और बादल फटने के बाद स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। सूत्रों के अनुसार उन्होंने शीर्ष अधिकारियों से प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने को कहा है। राहत कार्य पूरे जोर-शोर से चल रहे हैं।

बादल फटने से हुई तबाही हृदय विदारक: प्रियंका
प्रियंका गांधी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के शिमला, मंडी और कुल्लू में बादल फटने से कई लोगों की मृत्यु और बड़ी संख्या में लोगों के लापता होने का समाचार हृदय विदारक है। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें। शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट करते हुए कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएम और राज्य प्रशासन की कई टीमें पूरी क्षमता के साथ राहत व बचाव कार्य में लगी हैं।

उधर, शिमला-कुल्लू सीमा पर बादल फटने से तबाही मची है। कई मकान, स्कूल और अस्पताल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कई लोगों के लापता होने की खबर है। राहत एवं बचाव कार्य चलाया गया है। मौके के लिए एसडीआरएफ की टीम रवाना हो गई है। जानकारी के अनुसार, निरमंड ब्लॉक के झाकड़ी में समेज खड्ड में हाइड्रो प्रोजेक्ट के नजदीक गुरुवार सुबह तड़के बादल फटा है। इससे भारी नुकसान हुआ है। यहां अभी 33 लोग लापता हैं। इसमें 14 स्थानीय, आठ आसपास क्षेत्र, सात हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट समेज के कर्मी, चार मजदूर शामिल हैं। अभी तक दो लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने कहा राहत कार्य तुरंत आरंभ कर दिया है। लापता में शिमला जिले के लोगों की संख्या अधिक है।

उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही एनडीएसआरएफ की टीम, पुलिस, रेस्क्यू दल घटना स्थल के लिए रवाना हो चुके हैं।एसडीएम रामपुर निशांत तोमर घटना स्थल पर पहुंच रहें है। सड़क कई जगह बंद होने के कारण टीम दो किलोमीटर पैदल ही घटना स्थल पर पहुंचने के लिए प्रयास कर रही है।
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि आईटीबीपी, स्पेशल होम गार्ड की टुकड़ी को भी रेस्क्यू दल में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू कार्यों में सारी टीमें एक जुट होकर कार्य कर रही हैं। एंबुलेंस सहित सभी आधारभूत सुविधाएं रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल की गई है। चक्कीमोड़ के पास मलबा आने से एनएच बाधित हो गया था। अब जेसीबी की मदद से हटाया जा रहा है।
कुल्लू जिले के मलाणा नाले में भारी बारिश के दौरान बादल फटने से मलाणा वन और मलाणा टू पावर प्रोजेक्ट को भारी क्षति पहुंची है। भारी बारिश के बाद पार्वती नदी का भी जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बढ़ गया है। जिया, भुंतर सहित नदी तट पर लगते तमाम क्षेत्रों से लोगों को अपने घर खाली कर सुरक्षित जगह जाने की अपील की गई है। इसके साथ-साथ ही व्यास और तीर्थन नदियों में भी जलस्तर बढ़ा हुआ है। सभी से नदी नालों से सुरक्षित स्थानों पर रहने के लिए अपील की गई है।

श्रीखंड क्षेत्र के नैन सरोहबर और भमडवारी नाले में बादल फटने से बागीपुल, केदस, समेज आदि क्षेत्रों में तबाही का तांडव हुआ है। बागीपुल में 8-10 मकान बह गए हैं। इसमें पटवार खाना, होटल, दुकानें भी शामिल हैं। बागीपुल में सात से 10 लोगों के लापता होने की सूचना है। इसमें एक ही परिवार के सात लोग लापता बताए जा रहे हैं। तहसीलदार मौके पर हैं। कोयल खड्ड तक सर्च अभियान शुरू किया जा रहा है। निरमंड में कई पुल बह गए हैं, अधिकतर सड़कें बंद हैं। बागीपुल में बस स्टैंड का नामोनिशान मिट गया है। 15 गाड़ियां पानी में बह गई हैं। तहसीलदार जय गोपाल शर्मा ने बताया कि अब तक दो शव बरामद हुए हैं। कोयल खड्ड में महिला का क्षत-विक्षत शव मिला है। कुरपुण के साथ लड़के शव मिला है।

राज्यपाल ने प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान पर जताया दुख
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने हिमाचल प्रदेश के मंडी, कुल्लू और शिमला जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में बादल फटने के कारण हुए जानमाल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त किया है। राज्यपाल ने संबंधित जिलों के उपायुक्तों से फोन पर बात कर प्रभावितों को त्वरित राहत प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लापता लोगों को तलाशने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ का दल बचाव कार्य में लगा हुआ है। राज्यपाल ने दिवंगत आत्माओं की शांति तथा उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। राज्यपाल ने लोगों से भी अपील की है कि वह नदी-नालों के समीप न जाएं।

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