लालकुआं- बिन्दुखत्ता राजस्व गाँव को लेकर विशाल प्रदर्शन “मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन।
लालकुआं बिन्दुखत्ता को राजस्व गाँव बनाने एवं गौला नदी में तटबंध निर्माण की मांग सहित 10 सूत्रीय मागों को लेकर आज बिन्दुखत्ता संघर्ष समिति अगुवाई में हजारों लोगों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।अपनी मागों को लेकर हजारों लोगों का हुजूम सड़क पर उतर गया।इस दौरान ग्रामीणों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए बिन्दुखत्ता को जल्द राजस्व गाँव बनाने की जोरदार मांग की।वही लगभग चार घंटे तक चले धरने प्रदर्शन के बाद प्रदर्शनकारियों ने तहसील कार्यालय पहुंकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौपा।जिसमें उन्होंने राजस्व गाँव प्रक्रिया शीघ्र शुरू नहीं करने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी और कहा कि इस मामले पर अनदेखी अब तकई बर्दाश्त नही की जाएगी।
बताते चले कि यहां बिन्दुखत्ता काररोड़ स्थित शहीद स्मारक पर बिन्दुखत्ता संघर्ष समिति के तत्वधान में आयोजित धरना प्रदर्शन में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत,उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी समेत कई दिग्गजों नेताओं ने जबरदस्त जनसभा करते हुये केन्द्र और राज्य सरकार पर गम्भीर आरोप लगाए।
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि बीते चार दर्शकों से राजस्व गांव की मांग करने वाली बिन्दुखत्ता की जनता से पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भाजपा नेताओं ने राजस्व गाँव बनाने का वायदा किया था।लेकिन पिछले सात साल से अधिक का समय बीतने के बाद भी सत्तारूढ़ पार्टी के यहां के सांसद और विधायक और राज्य सरकार ने बिन्दुखत्ता राजस्व गांव के सवाल पर कोई ठोस पहल नहीं की है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सरकार में जरा भी ईमानदारी होती तो वन भूमि पर बसे टिहरी विस्थापितों के नौ गावों के साथ ही बिन्दुखत्ता व अन्य खत्तों को भी राजस्व गाँव बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का भेदभाव बिन्दुखत्तावासियों के लिए साफ दिखाई दे रहा है।
उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक व सांसद ने बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव बनाने का वादा कर वोट बटोरे थे लेकिन सरकार बनने के बाद बिन्दुखत्ता को अतिक्रमण सूची में शामिल कर दिया।
उन्होंने कहा कि वोट लेने के लिए जनप्रतिनिधियों ने कई वादे किए थे लेकिन चुनाव जीतने के बाद ये वादे बस एक चुनावी वादे बनकर रह गए है। जिससे जनप्रतिनिधियों के इरादे जाहिर हो रहे हैं।उन्होंने सरकार से अतिशीघ्र बिन्दुखत्ता को राजस्व गाँव बनाने तथा आवरा जनवरों से निजात दिलाने की मांग है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने तहसील कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी प्रतुष बर्मा को ज्ञापन सौपा। जिसमें प्रदर्शनकारियों ने दो टूक शब्दों में साफ़ कहा कि राजस्व गांव से कम उन्हें कुछ भी मजूंर नही है।साथ ही
उन्होंने कहा कि जनता सब जान चुकी है तथा आने वाले चुनाव में इसका जबाब देगी। वही जूलूस में हजारों लोगों ने हिस्सा लेकर अपनी एकता का ऐतिहासिक परिचय दिया।
Average Rating