होली के बाद मौसम में तेजी से हो रहे परिवर्तन के साथ तेजी से फैल रहा इन्फ्लूएंजा
होली के बाद मौसम में तेजी से हो रहे परिवर्तन के साथ तेजी से फैल रहा इन्फ्लूएंजा
मौसम के मिजाज में आए दिन हो रहे परिवर्तन के साथ ही इन्फ्लूएंजा काफी तेजी से पैर पसार रहा है। यह बीमारी कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। इन्फ्लूएंजा के मरीजों में अधिकतर सांस रोग के पुराने मरीज, शुगर, बीपी व हृदयरोग के मरीज शामिल हैं। इसके अलावा छोटे बच्चे भी इन्फ्लूएंजा के समान लक्षण वाली बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।
जिला चिकित्सालय सहित सभी सरकारी अस्पतालों में इन्फ्लूएंजा के समान लक्षण वाले मरीज बड़ी संख्या में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। जिला चिकित्सालय की ओपीडी में मंगलवार को 965 मरीजों ने इलाज के लिए पर्चा बनवाया। इनमें से लगभग 200 मरीजों को जुखाम, खांसी, बुखार के साथ शरीर में दर्द आदि के लक्षण थे।
फिजीशियन डा. प्रशांत द्विवेदी ने बताया कि उन्होंने अकेले इन्फ्लूएंजा के समान लक्षण वाले लगभग 80 मरीजों का उपचार किया है। बच्चा वार्ड में मंगलवार को बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.शिशिर श्रीवास्तव ने भी इन्फ्लूएंजा के समान लक्षण वाले लगभग 20 मरीज बच्चों का उपचार किया। मंगलवार को रात्रि 12 बजे के बाद से सायंकाल पांच बजे तक लगभग 15 मरीजों को भर्ती किया गया है। इनमें से चार बच्चे भी शामिल हैं। श्रीराम चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. सत्येन्द्र सिंह ने कहा कि अभी किसी भी वैक्सीन की आवश्यकता नहीं है। एच 3 एन 2 के लक्षण भले ही कोरोना जैसे हैं किन्तु यह सांस के मरीजों के लिए ही घातक है। अमूमन तीन से चार दिन में लोग ठीक हो जाते हैं। वैसे इसकी जांच की सुविधा यहां नही है। चिकित्सक लक्षणों के आधार पर उपचार कर रहे हैं।
इन्फ्लूएंजा से बचाने के लिए बाजार में उपलब्ध है वैक्सीन राजर्षि दशरथ मेडिकल कालेज अयोध्या के मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डा. अरविन्द कुमार ने बताया कि इन्फ्लूएंजा का टीका बाजार में उपलब्ध है। किन्तु यह टीका हाई रिक्स डिजीज जैसे अस्थमा,सांस रोग, शुगर आदि के मरीजों को ही आवश्यकता पड़ने पर लगाया जाता है। वैसे इस समय इन्फ्लूएंजा के नए वैरिएंट से कोई विशेष खतरा आम लोगों को नही है। हाई रिस्क डिजीज वाले रोगियों को इससे बचने की आवश्यकता है। डा. अरविन्द कुमार ने बताया कि कोरोना के तीसरे टीके से साइड इफेक्ट की कोई बात नहीं है। ऐसा कहीं जानकारी में नहीं आया है। यदि ऐसा है तो सरकार को इस पर जांच करानी चाहिए।
इन्फ्लूएंजा में बढ़ी कफ सीरप की मांग इस समय इन्फ्लूएंजा के समान लक्षण वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में खांसी के मरीज भी बढ़ रहे हैं। चिकित्सक उनको खांसी की दवा लिख रहे हैं। यह भी देखा जा रहा है कि बहुत से लोग बिना चिकित्सक से सलाह लिए ही कफ सीरप का प्रयोग कर रहे हैं। अयोध्या के दवा दुकानदार ओम प्रकाश दूबे ने बताया कि इस समय कफ सीरप की मांग बढ़ गई है।