अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने घर का त्याग करके जंगल के अनेकों ऐसे लोगों को राजपाट सौंप दिया जिनको कभी स्वप्न में भी सोच नहीं सकते थे
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि पुरानी परंपराओं के आधार पर घर के बड़े बेटे को ही राज गद्दी दी जाती थी लेकिन भगवान राम ने राजगद्दी स्वीकार ना करके कठिन रास्ते को चुन लिया जिसकी वजह से स्वयं तो दुखी रहे लेकिन बहुत सारे लोगों को सुख का अहसास करा दिया तथा मित्रता के मायने बता दिए
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जीने घर छोड़कर जो त्याग और तपस्या की उसके आधार पर आज भारत के राजा हैं ठीक इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर साहब का जीवन भी त्याग और तपस्या का ही रहा है जो आज शासन और प्रशासन चला रहे हैं अनेकों लोगों के दुखों को दूर करने में मदद कर रहे हैं
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि महात्मा बुध की पहचान भी घर छोड़ने के बाद ही बनी जब तक वह पारिवारिक उलझनों में थे तब तक कोई उनको नहीं जानता था ठीक इसी प्रकार अंग्रेजों ने अपना देश छोड़कर हमारे देश मैं आकर अपनी हकूमत जमाई हुमायूं और बाबर ने अपना देश छोड़कर हमारे देश में हुकूमत जमाई
कहने का भाव यह है कि जिन लोगों की कद्र अपने घर में नहीं होती है उनकी बाहर कद्र होती है जिनकी कदर अपने देश में नहीं होती है उनकी बाहर के देश में कद्र होती है इसके लिए घर का परित्याग और देश का परित्याग कुछ बेहतर परिणाम देता है
उक्त विचार डॉ एमपी सिंह के अपने स्वतंत्र विचार हैं जो किसी वेद पुराण किताब में संग्रहीत नहीं है और नेट पर भी उपलब्ध नहीं है कृपया विचारों को समझने की कोशिश करें और लेखक के भावों को तवज्जो दें..