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Covid-19 : बढ़ सकता है कोरोना मृत्युदर का खतरा, लैंसेट अध्ययन पर वैज्ञानिकों ने जताई चिंता।।

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वैश्विक स्तर पर पिछले दो साल से अधिक समय से कोरोना महामारी लोगों के लिए बड़ी मुसीबत का कारण बनी हुई है। अब तक सामने आए कोरोना के तमाम वैरिएंट्स के कारण लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। डेल्टा वैरिएंट से संक्रमण के कारण जहां लोगों में गंभीर लक्षण देखे गए, वहीं ओमिक्रॉन की संक्रामकता दर काफी अधिक बताई जा रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना से बचाव को लेकर हम सभी को लगातार सचेत रहने की आवश्यकता है। कुछ स्थितियां अब भी आपके लिए गंभीर समस्याएं, यहां तक की मृत्यु के खतरे को भी बढ़ा सकती हैं।

कोरोना संक्रमण के जोखिम को लेकर शोध कर रही वैज्ञानिकों की एक टीम ने हालिया अध्ययन में इस संबंध में लोगों को सचेत किया है। वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन लोगों को कोरोना संक्रमण के साथ फ्लू की समस्या हो रही है, उनमें अन्य संक्रमितों की तुलना में गंभीर बीमारी और मृत्यु का खतरा काफी अधिक हो सकता है। कोविड-19 और फ्लू का एक साथ संक्रमण आपके लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। देश में इस समय मौसम में हो रहे बदलाव के साथ फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। आइए आगे की स्लाइडों में इस अध्ययन के बारे में विस्तार से समझते हैं।द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया कि रोगियों में एक साथ कोविड-19 और फ्लू की समस्या को काफी गंभीर पाया गया है। जिन लोगों को कोविड-19 संक्रमण है, इसी दौरान उन्हें अगर इन्फ्लूएंजा वायरस का भी संक्रमण हो जाता है तो ऐसे रोगियों के वेंटिलेटर पर जाने की आशंका चार गुना जबकि मृत्यु की आशंका 2.4 गुना अधिक हो जाती है। इस खतरे को देखते हुए सभी लोगों को इन दोनों ही प्रकार के वायरस से बचाव की आवश्यकता है।इस अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं की टीम ने 6 फरवरी 2020 से 8 दिसंबर, 2021 के बीच यूके में कोविड के कारण अस्पताल में भर्ती तीन लाख से अधिक रोगियों के डेटा की जांच की। इनमें से 6,965 रोगियों में रेस्पोरेटरी वायरल को-इंफेक्शन के मामलों का पता चला, जिनमें से करीब 227 में इन्फ्लूएंजा वायरस का संक्रमण पाया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि ऐसे लोगों में लक्षणों की गंभीरता, अन्य कोविड-19 संक्रमितों की तुलना में काफी अधिक थी। रोगियों में मृत्युदर भी अधिक देखा गया है। 
शोधकर्ता का कहना-
स्कॉटलैंड स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग के शोधकर्ता केनेथ बेली ने इस अध्ययन के बारे में बताया कि, शोध के परिणाम बताते हैं कि कोविड और फ्लू वायरस का संयोजन विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है। यह अध्ययन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कई देश सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना से बचाव के अन्य नियमों में छूट दे रहे हैं।

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वहीं कई हिस्सों में मौसम के बदलाव के साथ इन्फ्लूएंजा संक्रमण के मामले भी अधिक रिकॉर्ड किए जा रहे हैं। कोविड के साथ-साथ फ्लू के लिए भी अधिक व्यापक रूप से परीक्षण करना चाहिए।

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