भारत रविवार को अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नेतृत्व में नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह का आयोजन हो रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने कामना की कि यह राष्ट्रीय उत्सव संविधान के मूल्यों को संरक्षित करने के साथ ही एक सशक्त व समृद्ध भारत बनाने की दिशा में जारी प्रयासों को और मजबूत करे।

परेड में भारतीय नौसेना की झांकी में पिछले दिनों राष्ट्र को समर्पित किए गए तीन अग्रणी युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को प्रदर्शित किया गया। एक मिश्रित मार्चिंग दस्ते और नौसेना के एक बैंड ने कर्तव्य पथ पर परेड में भाग लिया। इस दल में शामिल सदस्यों की औसत आयु 25 वर्ष थी।
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने रविवार को कर्तव्य पथ पर आदिवासी नेता भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य पर मनाए जा रहे जनजाति गौरव वर्ष की उत्पत्ति की झलकियां पेश कीं। 76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर आयोजित मुख्य समारोह में मंत्रालय की गणतंत्र दिवस झांकी ने स्वतंत्रता संग्राम के साथ-साथ स्वतंत्रता के बाद से राष्ट्र-निर्माण में आदिवासी समुदायों के योगदान को प्रदर्शित किया।झांकी में आदिवासी लोकाचार को प्रदर्शित किया गया, जिसे एक प्राचीन साल के पेड़ के माध्यम से चित्रित किया गया था। इस लोकाचार की गहरी जड़ें हरे-भरे जंगलों वाली भूमि में मजबूती से जमी हुई हैं। इसके केंद्र में बिरसा मुंडा थे। इस झांकी में आदिवासी ज्ञान को भी समाहित किया गया था, जो प्रकृति और मानव विकास के बीच एक सहजीवी संबंध में विश्वास करती है। झांकी के केंद्र में स्वतंत्रता संग्राम में बिरसा मुंडा के बलिदान को दर्शाया गया था।


गणतंत्र दिवस परेड में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की झांकी में भारत के संविधान के प्रति सम्मान व्यक्त करने के साथ इसे देश की विरासत, विकास और भविष्य के लिए मार्गदर्शन की आधारशिला के रूप में चित्रित किया गया। झांकी में न्याय, समानता और स्वतंत्रता के सार को दर्शाया गया, जिसमें दिखाया गया कि कैसे संविधान भारत को एक एकजुट, प्रगतिशील और समावेशी समाज के रूप में आकार दे रहा है।झांकी का केंद्रबिंदु संविधान की प्रतिकृति थी, जिसकी प्रस्तावना हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रमुखता से प्रदर्शित थी। इस झांकी में संविधान को अंगीकार किए जाने के 75 साल पूरे होने की झलक भी दिखी। ‘वी द पीपुल’ रूपी शिलालेख के माध्यम से देश की पहचान को परिभाषित करने और एक सूत्र में पिरोने में संविधान की भूमिका को रेखांकित किया गया।
गणतंत्र दिवस परेड में ग्रामीण विकास मंत्रालय की झांकी ने कर्तव्य पथ पर लखपति दीदी योजना का चित्रण किया। इस योजना का लक्ष्य स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के लिए एक लाख रुपये की न्यूनतम आय सुनिश्चित करना है। झांकी के सामने नोटो की गड्डी पकड़े लखपति दीदी की एक विशाल प्रतिमा लगी थी, जो उनकी वित्तीय आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। बुनाई, हस्तशिल्प और कृषि जैसी विभिन्न आर्थिक गतिविधियों में शामिल महिलाओं को भी इस झांकी में दर्शाया गया। झांकी में किताबें पकड़े लड़कियों और कंप्यूटर का इस्तेमाल करती महिलाओं को भी चित्रित किया गया, जो कौशल विकास और आधुनिक प्रौद्योगिकी के अनुकूलन के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर उनकी यात्रा का प्रतीक है।

वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) की गणतंत्र दिवस की झांकी में बैंकिंग सेवाओं के विकास को दर्शाया गया। विभाग ने इसके तहत बैंकिंग सेवाओं के आधुनिकीकरण पर प्रकाश डाला, जिससे आर्थिक रूप से मजबूत और समावेशी राष्ट्र के लिए आर्थिक सशक्तीकरण और ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिला। झांकी में सामने की ओर घूमता हुआ सुनहरा सिक्का भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था, नवोन्मेषण और समावेशी प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है। एटीएम का इस्तेमाल करती एक महिला ने बैंकिंग सेवाओं के विस्तार का संकेत दिया। यूपीआई प्रतीक की ओर जाने वाला तीर भारत के नयी प्रौद्योगिकी को तेजी से अपनाने का प्रतीक है। पीछे के हिस्से में, एक जटिल रूप से डिजाइन की गई पोटली है, जो धन, समृद्धि और भारत की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है। झांकी के किनारों पर लगी एलईडी स्क्रीन ने वित्तीय साक्षरता के महत्व पर जोर देने वाले दृश्य दिखाए।
मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की झांकी में चक्रवातों की सटीक भविष्यवाणी और उसके परिणामस्वरूप लोगों की जीवन की रक्षा होने, समय पर मौसम पूर्वानुमान के कारण किसानों को होने वाले लाभ को प्रमुखता से दर्शाया गया। देश के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में कर्तव्य पथ पर आईएमडी की झांकी में चक्रवात ‘दाना’ का एक विशेष रूप से चित्रण किया गया। इस चक्रवात ने पिछले साल ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में व्यापक तबाही मचाई थी, लेकिन शुरुआती चेतावनियों के कारण बहुत कम लोग हताहत हुए थे और प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को समय पर सुरक्षित बाहर निकाल दिया गया था।झांकी में किसानों के लिए पहल पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। इसमें दिखाया गया कि कैसे मोबाइल मौसम अलर्ट ने कृषि क्षेत्र में क्रांति ला दी है। किसान अब मौसम के मिजाज की भविष्यवाणी करने, बेहतर फसल प्रबंधन और बेहतर आजीविका सुनिश्चित करने में सशक्त हैं। झांकी में चार प्रमुख समुदायों पर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की पहल के प्रभाव को भी दर्शाया गया है।















