ब्रेकिंग न्यूज :

2025:महाकुंभ:- जाने कौन-सी है महाकुंभ में डुबकी लगाने की सही जगह, खाने-पीने की कैसी है व्यवस्था? आपके हर सवाल का जवाब पढ़ें

Spread the love

हाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को प्रयागराज जाने की योजना बना रहे लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। लोग जानना चाहते हैं कि महाकुंभ में कैसे पहुंचा जाए, किन-किन बातों का ध्यान रखा जाए, कौन-से जरूरी काम पहले ही कर लिए जाएं, स्नान कब और कहां आसानी से किया जा सकता है, वहां ठहरने, खाने-पीने की व्यवस्था कैसी और कहां है?

 

प्रयागराज महाकुंभ में पिछले 17 दिनों में 15 करोड़ से अधिक लोग संगम में स्नान कर चुके हैं। आज मौनी अमावस्या पर और 10 करोड़ लोगों के गंगा स्नान करने की संभावना है। बीते एक-दो दिन से ही भारी संख्या में लोग यहां पहुंचने लगे थे। मौनी अमावस्या की वजह से मेला क्षेत्र श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ है। लोगों का संगम पहुंचना लगातार जारी है। इस बीच देर रात भगदड़ की खबर आई। शासन-प्रशासन स्थिति को नियंत्रण में रखने की कोशिश कर रहा है। अखाड़ों ने अपना अमृत स्नान रद्द कर दिया है। हालांकि, आम लोगों के लिए स्नान जारी है।

 

सबसे पहले जानिए आने वाली तिथियों के बारे में
प्रयागराज महाकुंभ में आज 29 जनवरी मौनी आमवस्या को अमृत स्नान चल रहा है। इसके बाद 3 फरवरी वसंत पंचमी को तीसरा और आखिरी अमृत स्नान होगा। 12 फरवरी माघी पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि को भी बड़े स्नान होंगे। इस दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ प्रयागराज संगम में डुबकी लगाने पहुंचेगी। ऐसे में अगर आप महाकुंभ में स्नान का सौभाग्य उठाना चाहते हैं तो इन तारीखों को ध्यान में रखकर ही अपनी यात्रा की योजना बनाएं। अमृत स्नान के बाद या जो बड़ स्नान हैं, उन तारीखों को छोड़कर बाकी दिन आप अपेक्षाकृत कम भीड़ के बीच संगम स्नान कर सकते हैं। इसके साथ ही अगर आप सप्ताहांत को छोड़कर अपनी यात्रा की योजना बनाएंगे तो आपको ज्यादा समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

और पढ़े  अयोध्या: संतों ने किए आचार्य सत्येंद्र दास के अंतिम दर्शन, जल समाधि कल, इकबाल अंसारी ने दी श्रद्धांजलि

 

संगम स्नान का उचित समय
आम आदमी या घर परिवार वाला सामान्य व्यक्ति भीड़भाड़ से बचने का प्रयास करता है। वह उम्मीद करता है कि वह और उसका परिवार आराम से संगम में डुबकी लगा ले। ऐसे में  संगम स्नान का सबसे उचित समय है देर रात 10.30-11 बजे से लेकर सुबह चार बजे तक का। इस समय श्रद्धालुओं की भीड़ थोड़ी कम होती है और इस समय रोकटोक भी कम होती है। गाड़ियों की आवाजाही कम होती है।
Mahakumbh Travel Guide from Sangam Place to food Arrangement At Kumbh Know Details in Hindi
संगम स्नान का सही स्थान
गंगा-यमुना-सरस्वती का संगम तो बीचोंबीच ही है, लेकिन वहां तक पहुंचना हर किसी के लिए संभव नहीं है। नदियों के संगम की जगह गंगा और यमुना का पानी अलग-अलग रंग में दिखता है और सरस्वती को अदृश्य मानी गईं हैं। संगम तक जाने के लिए नावें लगाई गईं हैं और संगम स्थल पर जेटी तैयार किए गए हैं, नावों के जरिए प्लेटफॉर्म तैयार किए गए हैं। हालांकि, यहां पहुंचना टेढ़ी खीर है। नावों के लिए 1200 से पांच हजार रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं। करोड़ों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं तो लंबी-लंबी कतारें हो सकती हैं। ऐसे हमारा सुझाव यही है कि आप जिस घाट पर हैं वहां किनारे ही स्नान करें।
Mahakumbh Travel Guide from Sangam Place to food Arrangement At Kumbh Know Details in Hindi
खाने-पीने को लेकर जरूरी टिप्स
खाने पीने को लेकर खास ध्यान रखने की जरूरत है। मेला क्षेत्र में अगर आप संत-महंतों के पंडाल की ओर से नहीं गुजर रहे हैं तो संगम स्नान के लिए जाते वक्त जो 7-8 किलोमीटर को जो पैदल रास्ता है तो रास्ते में पूड़ी सब्जी जरूर पैक करा लें। पानी की बोतल अपने साथ रखें। मेला क्षेत्र में चाट पकौड़ी, भुट्टे, चने, स्नैक और गन्ने का जूस आदि उपलब्ध हैं, लेकिन पूरे भोजन की व्यवस्था नहीं है। हल्दीराम का स्टॉल है, हनुमान मंदिर के पास सात्विक भोजनालय है, लेकिन ऐसे विकल्प कम है, भीड़ ज्यादा है, लंबी कतारें हैं। भंडारे जरूर हो रहे हैं, लेकिन उनका क्षेत्र अलग है। महाकुंभ मेला क्षेत्र में साफ सफाई की अच्छी व्यवस्था है तो अगर आपने खाना पैक करा रखा है तो आराम से कहीं भी बैठकर खाना खा सकते हैं, बस खाना खाने के बाद साफ-सफाई का ध्यान आप भी रखें।
कैसे जाएं महाकुंभ?
ट्रेन से जाना ही ठीक रहेगा। हवाई जहाज का किराया बहुत ही ज्यादा है। प्रयागराज जंक्शन जाने वाली ट्रेनों को दो अलग-अलग स्टेशनों पर रोका जा रहा है- छिवकी और सूबेदारगंज। इस बारे में पहले से जानकारी कर लें, ताकि वहां पहुंचने के बाद कोई परेशानी न उठानी पड़े। स्टेशन से मेला क्षेत्र पहुंचना काफी आसान है। अगर आप हवाई यात्रा कर पहुंचे हैं तो कैब से सिविल लाइंस या इसके आसपास की जगह के लिए बुकिंग करें, क्योंकि मेला क्षेत्र के लिए कैब बुकिंग आम तौर पर नहीं हो पाती है। इसके अलावा आप सड़क मार्ग से भी प्रयागराज पहुंच सकते हैं, लेकिन बड़े स्नान वाली तारीखों पर यहां जाम के हालात बनते हैं तो आपको परेशानी उठानी पड़ सकती है।
error: Content is protected !!