2 महीने के बिल के चक्कर में आम जनता की कट रही जेब।

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हल्द्वानी। बिजली बिल से अधिक बिलों में अधिभार (सरचार्ज), ग्रीन टैक्स, आरडीएफ बिल और एक महीने से बजाए दो महीने बाद बिल दिए जाने से लोगों की जेब अधिक ढीली हो रही है। बिजली बिलों की गड़बड़ियों और मनमाना बिल की शिकायत को लेकर लोगों में आक्रोश है। बिजली बिलों में अधिक अधिभार वसूले जाने की शिकायत आम है। इसके अलावा चालू मीटर को खराब मीटर दर्शाकर मनमाना बिल वसूले जाने की भी शिकायतें सामने आती हैं। कहीं तय समय पर बिल नहीं मिलने तो कहीं एक महीने के बजाए दो महीने में बिल दिए जाने का आरोप ऊर्जा निगम पर लगाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि बिजली का बिल हर महीने दिया जाना चाहिए। दो महीने का बिल एक साथ देने से उन्हें तय टैरिफ से अधिक बिल का भुगतान करना पड़ता है। अधिभार उपभोक्ताओं से वसूले जाने की भी गलत परंपरा अपनाई गई है। इधर, ऊर्जा निगम का कहना है कि बिल नियमानुसार और टैरिफ के हिसाब से ही वसूले जाते हैं। कामर्शियल बिल एक महीने में और घरेलू बिल दो महीने में दिए जाने के निर्देश विद्युत नियामक आयोग ने ही दिए हैं।


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