यूपी: योगी बोले- पीएम मोदी सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का करेंगे शुभारंभ, लोकार्पण से पहले राप्ती बैराज का सीएम ने लिया जायजा

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बलरामपुर में 11 दिसंबर को पीएम मोदी के होने वाले कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया।
श्रावस्ती के जमुनहा स्थित राप्ती बैराज का निरीक्षण करने के बाद मीडिया से वार्ता करते सीएम योगी
श्रावस्ती के जमुनहा स्थित राप्ती बैराज का निरीक्षण करने के बाद
सरयू राष्ट्रीय परियोजना के लोकार्पण की तैयारियों का जायजा लेने के लिए गुरुवार मुख्यमंत्री श्रावस्ती के राप्ती बैराज पहुंचे। यहां उन्होंने परियोजना लोकार्पण की तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने इसे नदी जोड़ो परियोजना का उत्कृष्ट उदाहरण बताया। इस परियोजना से भविष्य में आवागमन के साधन में सहूलियत का संकेत भी दिया। सीएम के साथ जलशक्ति मंत्री भी मौजूद रहे।
सरयू राष्ट्रीय परियोजना का लोकार्पण 11 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बलरामपुर से करेंगे। प्रधानमंत्री जब इस परियोजना का लोकार्पण करेंगे उसी समय श्रावस्ती के राप्ती बैराज का आठों शटर खोले जाएंगे। यह पानी सीधे नदियों को जोड़ते हुए आगे बढ़ेगा। राप्ती बैराज पर लोकार्पण के दौरान छोड़े जाने वाली पानी व अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह के साथ राप्ती बैराज पहुंचे। इस दौरान उन्होंने यहां नए बने शटर के साथ ही पुराने राप्ती बैराज के शटर का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि जब शटर खोले जाएंगे तो कितना पानी कितनी गति से निकलेगा। इस दौरान उन्होंने मीडिया से कहाकि यह परियोजना 1978 में लेफ्ट बैंक घाघरा कैनाल के नाम से 78.68 करोड़ रुपये की बनी थी। इसके माध्यम से बहराइच व गोंडा के 3.12 लाख हेक्टेअर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य था।
वर्ष 1982-83 में परियोजना को परिमार्जित करते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश के बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर, गोरखपुर व महराजगंज में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरयू नहर परियोजना का गठन किया गया। लेकिन 2017 तक इस परियोजना का मात्र 52 फीसदी कार्य पूरा हो पाया। लेकिन तब 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रारंभ की। उस समय ऐसी परियोजनाओं को प्राथमिकता देकर समयबद्ध तरीके से पूरा करने का संकल्प लिया गया। पिछले साढ़े चार वर्ष में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 48 प्रतिशत काम जिसमें भूमि अधिग्रहण से लेकर नहर व माइनरों का काम कराया गया। यह परियोजना 6623 किलोमीटर लंबी है। इससे नौ जिले जुड़ते हैं। इससे 14.04 लाख हेक्टेअर भूमि सिंचित होगी। इस परियोजना से तीस लाख किसानों को फायदा होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में कहा था कि वह किसानों की आय 2022 तक दोगुनी कर देंगे। यह परियोजना उसी सपने का एक हिस्सा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के तीस लाख किसानों को इस परियोजना से पानी मिलेगा। जिससे खेती पर उनकी लागत कम होगी और आय बढ़ेगी।
यह परियोजना नदी जोड़ो अभियान का उत्कृष्ट उदाहरण भी है। परियोजना से घाघरा-सरयू, राप्ती, बाण गंगा व राहिन नदियां आपस में जुड़ेंगी। इससे भविष्य में आवागमन के साधन सहज होंगे। आज मैं नेपाल से लगे इस इलाके में इस परियोजना का स्थलीय निरीक्षण करने आया हूं। आप लोग आजाद भारत की सबसे बड़ी परियोजना के लोकार्पण करने के लिए आने वाले प्रधानमंत्री को धन्यवाद देने व उन्हें सुनने के लिए बलरामपुर आएं। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष व पूर्व सांसद दद्दन मिश्रा, पूर्व ब्लॉक प्रमुख हरिहरपुररानी सुभाष सत्या, ब्लॉक प्रमुख जमुनहा शिवम जायसवाल सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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हंसुवाडोल में 11 दिसंबर को होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरयू नहर परियोजना लोकार्पण समारोह की तैयारियों का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार शाम को निरीक्षण किया। करीब सवा तीन बजे हंसुवाडोल पहुंचे सीएम ने पहले सरयू नहर परियोजना के मॉडल का निरीक्षण किया। उन्होंने मंच तथा जनसभा स्थल की तैयारियां भी परखीं। मुख्यमंत्री ने परिसर में ही बने अस्थायी मीटिंग हॉल में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आजादी के बाद देश की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना सरयू नहर के लोकार्पण समारोह में प्रधानमंत्री का भाषण सुनने आने वाले गणमान्य लोगों को कार्यक्रम स्थल पर हर सुविधा दी जाए। सभी तैयारियां समय से पहले पूरी कर ली जाएं। लोगों के लिए हर जगह मोबाइल टॉयलेट व पेयजल की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। रैली में दो लाख से अधिक लोगों के पहुंचने की संभावना है।

इसे देखते हुए सुरक्षा एवं सफाई के व्यापक इंतजाम किए जाएं। समारोह के दौरान जाम न लगे इसके लिए पर्याप्त पार्किंग स्थल बनाए जाएं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि व्यवस्था में किसी तरह की कमी नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने जिले तथा आसपास के जिलों से आए जनप्रतिनिधियों से भी तैयारियों में जुटने की अपील की। लोगों के बैठने की व्यवस्था की जाए। सड़क पर या उसके किनारे कोई वाहन न खड़ा हो इसके लिए पुलिस पर्याप्त पेट्रोलिंग करे।


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