मध्य प्रदेश : कोरोना संकट काल में 3000 जूनियर डॉक्टर बैठे हड़ताल पर, क्या हैं मांगें

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मध्यप्रदेश में महामारी के दौरान करीब तीन हजार जूनियर डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर सोमवार से हड़ताल पर चले गए। जूनियर डॉक्टर सरकार से मुख्य तौर पर उनका मानदेय बढ़ाने और कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर उन्हें और उनके परिवार के मुफ्त इलाज की मांग कर रहे हैं।

अध्यक्ष अरविंद मीणा ने बताया कि प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों से सम्बद्ध जूडा के सदस्य सोमवार से हड़ताल पर हैं। इसके तहत जूनियर डॉक्टर आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी), इन-पेशेंट डिपार्टमेंट (आईपीडी) तथा स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के अन्य वार्डों में काम नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यदि आज शाम तक सरकार की ओर से हमारी मांगों पर लिखित आदेश जारी नहीं किया जाता है तो कल एक जून से हम प्रदेशभर में कोविड-19 ड्यूटी भी बंद करने के लिए विवश होगें।

जूनियर डॉक्टरों की ये हैं मांगें
उन्होंने बताया कि उनकी छह मांगें हैं। इनमें मानदेय में बढ़ोतरी, कोविड में काम करने वाले डॉक्टरों व उनके परिजन के लिए अस्पताल में इलाज की अलग व्यवस्था, तथा कोविड ड्यूटी को एक साल की अनिवार्य ग्रामीण सेवा मानकर बांड से मुक्त करना आदि शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि जूडा में प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों के लगभग तीन हजार सदस्य शामिल हैं। मीणा ने दावा किया कि प्रदेश सरकार ने 24 दिन पहले उनकी मांगों को पूरा करने का वादा किया था, लेकिन तब से इस मामले में कुछ नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हमारी मांगों को पूरा करने के लिए लिखित आदेश जारी करे।

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