मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आखिरकार 34 और नौकरशाहों को ताश के पत्तों की तरह फेंट डाला। पिछले एक पखवाड़े में धामी सरकार का ये दूसरा बड़ा प्रशासनिक फेरबदल है। माना जा रहा है कि इस बड़े प्रशासनिक फेरबदल के बाद अब धामी राज की नौकरशाही पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल की छाया से काफी हद तक बाहर आ गई है। त्रिवेंद्र राज के हेवीवेट माने जाने वाले तकरीबन सभी नौकरशाहों की कुर्सियां बदली जा चुकी हैं।
प्रशासनिक हलकों में यह चर्चा है कि धामी सरकार में नौकरशाही में बदलाव का यह सिलसिला अभी नहीं थमा है। अभी कुछेक जिलाधिकारियों की कुर्सियां हिल सकती हैं। कहा यह भी जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले तीन साल का कार्यकाल पूरा करने वाले जिलाधिकारियों व कप्तानों को बदला जाना है। प्रशासनिक बदलाव की एक मुख्य वजह यह भी मानी जा रही है।
नौकरशाही में बदलाव की यह बयार यहीं नहीं थमेगी। पुलिस कप्तानों को भी बदले जाने की संभावनाएं हैं। आईपीएस अफसरों को बदलने के लिए गृह विभाग में होम वर्क शुरू हो गया है।