
नैनीताल –
न्याय प्रणाली में वादकारियों और प्रतिवादियों को जानकारी के अभाव में होने वाली दिक्कतों से बचाने के उद्देश्य से हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजे) की पहल पर न्यायालय परिसर में ई-सेवा केंद्र की स्थापना की गई है। इसका शुभारंभ बृहस्पतिवार को मुख्य न्यायमूर्ति आरएस चौहान ने फीता काटकर किया।
रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी ने बताया कि ई-सेवा केंद्र उत्तराखंड राज्य का पहला सेवा केंद्र है। जल्द ही अल्मोड़ा में भी ई-सेवा केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसके महत्व को देखते हुए भविष्य में सभी जिलों के जिला न्यायालयों में ई-सेवा केद्रों की स्थापना की जाएगी। ई-सेवा केंद्र में वादों की वर्तमान स्थिति, सुनवाई तिथि के साथ ही सुनवाई के लिए निर्धारित कोर्ट की भी जानकारी उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि ई-न्यायालय परियोजना के तहत डिजिटल रूप से उपलब्ध सुविधाओं के संबंध में पूछताछ एवं सहायता, जजों के अवकाश की सूचना, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, उच्चतम न्यायालय विधिक सेवा समिति से नि:शुल्क कानूनी सेवाओं का लाभ उठाने के बारे में लोगों का मार्गदर्शन भी किया जाएगा।
जस्टिस एप की जानकारी उपलब्ध कराने के साथ ही एप डाउनलोड करने में भी सहायता प्रदान की जाएगी। इस मौके पर न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी, न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा, न्यायमूर्ति एनएस धानिक, न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे, न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी, न्यायमूूर्ति आलोक कुमार वर्मा, रजिस्ट्रार कंप्यूटर अंबिका पंत, एडवोकेट जनरल एसएन बाबुलकर, बार अध्यक्ष एएस रावत, सचिव विकास बहुगुणा सहित सभी रजिस्ट्रार व अधिवक्तागण उपस्थित रहे।