
अभिनय सम्राट दिलीप कुमार की सफल संगीतमय सस्पेंस फिल्म ‘मधुमती’ ने उत्तराखंड के हुस्न से आम लोगों का तार्रुफ कराया था। 1958 में नैनीताल के निकट भवाली और घोड़ाखाल में इसकी शूटिंग हुई थी। इसके बाद इस इलाके में कई बड़ी फिल्मों की शूटिंग हुई। मधुमती में दिलीप कुमार ने देवेंद्र और आनंद की दोहरी भूमिका निभाई थी। पुनर्जन्म की रोमांचक कहानी, विमल राय के निर्देशन और संगीतकार सलिल चौधरी के अविस्मरणीय संगीत के साथ दिलीप कुमार के अभिनय का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोला था। वैजयंतीमाला ने मधुमती, माधवी और राधा के तीन रोल निभाए थे। प्राण ने राजा उग्र का किरदार निभाया था। छह हफ्ते तक यहां शूटिंग चली थी। उत्तराखंड के मनोरम दृश्य देखकर लोग यहां आने के लिए बेताब हो जाते थे।
घने कोहरे की वजह से मुंबई में दोबारा करनी पड़ी थी शूटिंग
मधुमती की शूटिंग के दौरान यहां काफी कोहरा था जिससे उसका प्रिंट धुंधला नजर आता था। एडिटिंग के दौरान यह देखने के बाद मुंबई की आरे मिल्क कॉलोनी में फिल्म का सेट बनाकर 80 फीसदी शूटिंग दोबारा की गई। पहले से आर्थिक तंगी झेल रहे बिमल रॉय को तब दिलीप कुमार ने बहुत सहायता की और अन्य लोगों से भी करवाई थी।