
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने ऐसी च्यूइंग गम पर काम शुरू किया है, जो कोरोना वायरस को रोक सके। इसके लिए पौधों से मिलने वाले प्रोटीन का उपयोग किया जा रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार एसीई-2 नामक प्रोटीन लोगों के मुंह में मौजूद वायरस की संख्या घटाने में मदद करता है। इस तरह संक्रमित व्यक्ति के जरिये वायरस फैलने की आशंका घट जाएगी। पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के हेनरी डेनियल के अनुसार संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बोलने से भी वायरस फैलता है, लेकिन इस विशेष प्रोटीन युक्त च्यूइंग गम के जरिये मुंह से वायरस की संख्या कम की जाती है। ऐसा करने से वातावरण में फैल रहे वायरस को कम किया जा सकेगा। वैज्ञानिक फिलहाल इसके परीक्षणों के लिए कानूनी अनुमति का इंतजार कर रहे हैं।
नवंबर के आखिरी सप्ताह में पहचाने गए कोविड के नए वैरिएंट ने पूरी दुनिया में अनिश्चिय और भय पैदा कर दिया है। हालांकि, डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 47 से ज्यादा देशों में फैल चुके ओमिक्रॉन वैरिएंट से अब तक कहीं भी मौत का मामला सामने नहीं आया है। लेकिन, तेजी से बढ़ते संक्रमण की वजह से अमेरिका व दक्षिण अफ्रीका सहित यूरोप के कई देशों के अस्पतालों में संक्रमितों की बाढ़-सी आने लगी है। अमेरिका-यूरोप में इसका सामुदायिक प्रसार भी शुरू हो चुका है।
दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों के वैज्ञानिक यह जानने में जुटे हैं कि क्या ओमिक्रॉन अधिक गंभीर बीमारी का कारण बनता है और मौजूदा टीकों के लिए अधिक प्रतिरोधी है। दक्षिण अफ्रीका में डॉक्टरों और विशेषज्ञों शुरुआती रुझानों के आधार पर आश्वस्त कर रहे हैं कि इससे होने वाला संक्रमण बहुत हल्का है।