उत्तराखंड : ऋषिगंगा चमोली में तबाही मचाने वाली, उद्गम क्षेत्र के ग्लेशियर में दरारें देखी गयी दहशत में आए ग्रामीण

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उत्तराखंड में जिस ऋषिगंगा के उद्गम स्थल से बीती सात फरवरी को जलप्रलय आई थी, वहां अभी भी ग्लेशियर में दरारें पड़ी हुई हैं। इसके बाद से स्थानीय ग्रामीणों में अनहोनी की आशंका बनी हुई है। ग्रामीणों ने ग्लेशियर क्षेत्र का भ्रमण कर प्रशासन को भी यह जानकारी दी।

नीती घाटी के रैणी क्षेत्र में बहने वाली ऋषिगंगा के उद्गम स्थल पर ग्लेशियरों में काफी दरारें आ गई हैं, जिससे यहां खतरा बना हुआ है। रैणी गांव के ग्रामीणों ने ऋषि गंगा के ऊपरी क्षेत्रों में कभी भी ग्लेशियर खिसकने की आशंका जताई है।

रैणी गांव के ग्रामीणों के एक दल ने ऋषिगंगा के उद्गम स्थल का निरीक्षण किया तो देखा यहां ग्लेशियरों में दरारें पड़ी हुई हैं। ग्रामीण पूरण सिंह राणा, युवक मंगल दल अध्यक्ष प्रकाश राणा, पुष्कर राणा, प्रिया राणा और बबीता ने बताया कि ऋषिगंगा में जिस ग्लेशियर के टूटने से जलप्रलय हुई, वहां अभी भी ग्लेशियर में दरारें आ रही हैं।

ग्रामीणों ने ग्लेशियर प्वाइंट के ठीक दूसरी तरफ रोठी बुग्याल से ग्लेशियर का निरीक्षण किया। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से ग्लेशियरों की रेगुलर मॉनिटरिंग करने की मांग उठाई

सात फरवरी को ऋषि गंगा की जलप्रलय के बाद से रैणी गांव के ग्रामीण डरे और सहमे हुए हैं। बारिश होने पर ऋषि गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होते ही ग्रामीण घरों को छोड़कर जंगल और छानियों में रात बिताने को मजबूर है।

ग्रामीण पूरण सिंह राणा ने ऋषिगंगा के उद्गम में ग्लेशियरों पर अध्ययन करने और अध्ययन में सामने आने वाले तथ्यों को सार्वजनिक करने की मांग की। जिससे ग्रामीणों को बार-बार अपने घर न छोड़ने पड़े।

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