अमेरिका में अवैध प्रवास को लेकर ट्रंप प्रशासन और सख्त होता हुआ दिख रहा है। इसके तहत एक्शन लेते हुए प्रशासन ने जनवरी से लेकर अभी तक 85000 से ज्यादा वीजा रद्द कर दिए है। इस बात की जानकारी अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने दी। मंत्रालय ने बताया कि जनवरी 2025 से अब तक 85,000 वीज़ा रद्द किए जा चुके हैं। विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो कड़े इमीग्रेशन नियमों को लागू करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। उनका एक ही लक्ष्य है अमेरिका को ज्यादा सुरक्षित बनाना।
बता दें कि यह फैसला ट्रंप प्रशासन की उस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत देश में आने-जाने वाले लोगों पर पहले से ज्यादा कड़ी नजर रखी जा रही है। रद्द किए गए वीजाओं में 8,000 से ज्यादा वीजा छात्रों के थे। इनमें शराब पीकर गाड़ी चलाना (डीयूआई), चोरी और हमला जैसे अपराध मुख्य वजह रहे। इन तरह के अपराध पिछले एक साल में लगभग आधे वीजा रद्द करने के लिए जिम्मेदार रहे। हालांकि, बाकी वीजा क्यों रद्द किए गए, इस बारे में अभी विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है।
विवादित मामलों में भी वीजा रद्द
इतना ही नहीं ट्रंप प्रशासन ने कुछ विवादित मामलों में भी वीजा रद्द किए हैं। इसके तहत कंजर्वेटिव कार्यकर्ता चार्ली किर्क की हत्या पर कथित जश्न मनाने वाले लोगों के वीजा अक्तूबर में रद्द किए गए थे। इसके साथ ही गाजा संघर्ष को लेकर हुए छात्र प्रदर्शनों में शामिल विदेशी छात्रों को भी कड़ी जांच का सामना करना पड़ा है।
लगातार निगरानी वाली नई व्यवस्था
गौरतलब है कि बीते अगस्त में विदेश विभाग ने अपनी योजना बताई थी कि अब अमेरिका सभी 5.5 करोड़ से अधिक वीजा धारकों की लगातार जांच करेगा। यानी, वीजा मिलने के बाद भी व्यक्ति की गतिविधियों और पृष्ठभूमि पर लगातार नजर रखी जाएगी।एच-1बी वीजा पर भी सख़्ती
इसके तहत प्रशासन ने एच-1बी वीजा जो अमेरिकी कंपनियों द्वारा कुशल विदेशी कर्मचारियों को दिया जाता है उसकी जांच भी पहले से ज्यादा कड़ी कर दी है। ऐसे में इन सभी कदमों से साफ है कि ट्रंप प्रशासन दूसरी बार सत्ता में आने के बाद वीजा नियमों को और सख्त कर रहा है, चाहे वह छात्रों की जांच हो, अपराधों पर कार्रवाई हो, या सुरक्षा से जुड़े मुद्दे।









