हल्द्वानी: उपद्रव के दौरान मूक बने रहने पर पुलिस चौकी प्रभारी फिरोज आलम बैलपड़ाव निलंबित
Spread the love बैल पड़ाव पुलिस चौकी में हुए हंगामा और तोड़फोड़ की गाज सोमवार की शाम चौकी प्रभारी बैल पड़ाव पर गिरी। उच्च स्तरीय जांच के बाद दोषी…
सीबीआई ने सितंबर में आयोजित उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) स्नातक स्तरीय परीक्षा के कथित पेपर लीक के मामले में मामला दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उत्तराखंड बेरोजगार संघ के बैनर तले बेरोजगारों ने इसके विरोध में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनकी मांग स्वीकार करते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश की।
इसके बाद 11 अक्तूबर को परीक्षा रद्द कर दी गई।
विभिन्न सरकारी विभागों में 416 पदों के लिए लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल हुए थे।
घटना के प्रकाश में आने के बाद, राज्य सरकार ने जांच के लिए ऋषिकेश की पुलिस अधीक्षक जया बलूनी के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया।
एसआईटी जांच में पता चला कि परीक्षा में अभ्यर्थी के रूप में शामिल खालिद मलिक ने कथित तौर पर अपने मोबाइल फोन से प्रश्नपत्र के तीन पन्नों की तस्वीरें खींचकर अपनी बहन सबिया को भेजीं, जिन्होंने उन्हें टिहरी में तैनात सहायक प्रोफेसर सुमन को उत्तर प्राप्त करने के लिए भेजा।
सुमन ने प्रश्नों के स्क्रीनशॉट लेकर उन्हें किसी अन्य व्यक्ति के साथ साझा कर दिया, जिसने पुलिस या आयोग को सूचित करने के बजाय, उन पन्नों को सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया, जिससे वे वायरल हो गए।
एसआईटी ने इस मामले में खालिद और सबिया को गिरफ्तार कर लिया है। सुमन सहित चार अन्य को भी निलंबित कर दिया गया है।

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