आस्था और विश्वास के टकराव से जन्मा एक अनोखा मामला उत्तराखंड उच्च न्यायालय में पहुंचा जहां एक हिंदू महिला पूनम ने अपने पति से इस आधार पर तलाक मांगा कि उसका पति नास्तिक है और धार्मिक रीति-रिवाजों को नहीं मानता।
इसके बाद उसने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रवींद्र मैथाणी और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने कहा कि दंपति के बीच सौहार्दपूर्ण समाधान की संभावना अभी बाकी है। अदालत ने दोनों को परामर्श (काउंसलिंग) के लिए भेजने के आदेश दिए, ताकि सात वर्षीय बेटे के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सुलह का रास्ता तलाशा जा सके।









