
जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्या सिर्फ अवैध रूप से बसे ही नहीं हैं, बल्कि इनकी शादियां भी गैरकानूनी तरीके से कराई जा रही हैं। बड़े पैमाने पर म्यांमार से नाबालिग और बालिग लड़कियों की तस्करी हो रही है। बेहतर जिंदगी का लालच देकर इन्हें भारत लाया जाता है, जहां बाद में उम्र में दोगुने या अक्षम लोगों से जबरन शादी करा दी जाती है। इन लड़कियों को म्यांमार से 20 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक में खरीदकर जम्मू-कश्मीर में बेचा जा रहा है।
सौदा पक्का होते ही लड़कियों को भेजा जाता है आगे
पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज मामले रोहिंग्या लड़कियों की तस्करी के सबूत हैं। सूत्रों के मुताबिक, जम्मू और श्रीनगर में यह सिलसिला जारी है। जम्मू की रोहिंग्या बस्तियां इनके लिए ट्रांजिट पॉइंट का काम करती हैं। कुछ दिन यहां रखने के बाद सौदा पक्का होते ही लड़कियों को आगे भेज दिया जाता है।
इस तस्करी में कश्मीर के कुछ लोग भी शामिल हैं, जो रोहिंग्या समुदाय के साथ मिलकर यह गतिविधि चला रहे हैं। अब तक जम्मू संभाग में 30 और कश्मीर में 110 लड़कियों की जबरन शादियां कराई जा चुकी हैं। प्रदेश की पुलिस को इसकी जानकारी है।
जम्मू के दक्षिणी इलाकों में सबसे अधिक मौजूदगी
जम्मू के बठिंडी, सुंजवां, त्रिकुटा नगर और नरवाल जैसे इलाकों में रोहिंग्याओं की बस्तियां हैं। जम्मू जिले के 70% रोहिंग्या इन्हीं क्षेत्रों में रहते हैं। ये इलाके उनके लिए ट्रांजिट जोन की तरह काम करते हैं, जहां लड़कियों या अन्य लोगों को कुछ दिन रोककर फिर अन्य राज्यों में भेज दिया जाता है।