आज भाई दूज 2024: भाई दूज का पर्व तिलक के लिए मिलेगा इतना ही समय, जानिए क्या है शुभ मुहूर्त, पूजा विधि..

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ज भाई दूज का त्योहार है। भाई दूज का पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को मजबूत करता है। इसे हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें भाई को रोली और अक्षत का टीका करते हुए उसे गोला देती हैं, और भाई की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। हर साल की तरह इस बार भी भाई दूज पर कई शुभ योग बन रहे हैं।

ज्योतिष गणना के अनुसार इस साल भाई दूज पर सुबह 11 बजकर 39 मिनट तक सौभाग्य योग रहेगा। फिर शोभन योग शुरू हो जाएगा। वहीं इस दौरान अनुराधा नक्षत्र और बालव व कौलव करण का संयोग भी बन रहता है। इस संयोग में भाई को तिलक लगाने से रिश्तों में मिठास और विश्वास बना रहता है। परंतु इस दौरान कुछ खास कार्यों को करने की मनाही होती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि भाई दूज के दिन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और आरती।

 

 

कब है भाई दूज 2024?
कार्तिक मास द्वितीया तिथि का आरंभ 2 नवंबर को रात 8:22 बजे हो जाएगा और कार्तिक द्वितीया तिथि 3 नवंबर को रात में 10:06 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार 3 नवंबर को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सुबह में 11 बजकर 39 मिनट तक सौभाग्य योग रहेगा। इसके बाद शोभन योग शुरू हो जाएगा। इसलिए भाई दूज के दिन पूजा के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त 11:45 मिनट तक रहेगा।

 

 

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भाई दूज 2024 तिथि 
कार्तिक मास द्वितीया तिथि का आरंभ 2 नवंबर 2024 को रात 8 बजकर 22 मिनट से होगा। इस तिथि का समापन 3 नवंबर को रात में 10 बजकर 6 मिनट पर है।

भाई दूज तिलक मुहूर्त
इस साल भाई दूज पर तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त 3 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से दोपहर 3 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। मुहूर्त की कुल अवधि 2 घंटे 12 मिनट की है।

 

 

थाली में जरूर रखें ये चीजें
भाई दूज के लिए थाली तैयार करते समय सबसे पहले उसमें तिलक करने के लिए रोली ,चंदन,अक्षत यानी चावल भी थाली में जरूर रखें। लाल कलावा, सुपारी, भगवान गणेश का प्रतीक है, एक चांदी का सिक्का रखें। तिलक की थाली में आप भाई को तिलक के बाद पहनाने वाली फूल माला भी जरूर रखें। साथ ही मिठाई भी थाली में रखें। इस थाली में केला जरूर रखें। इसे खिलाने से बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है।

 

 

भाई दूज तिलक विधि
  • भाई दूज के दिन सुबह ही स्नान कर लें और साफ वस्त्रों को धारण करें।
  • फिर एक थाली को तैयार कर लें।
  • थाली में रोली, अक्षत और गोला रखें।
  • इसके बाद भगवान गणेश का नाम लेते हुए पूजा करें।
  • अब भाई का तिलक करें और नारियल का गोला भाई को दें।
  • फिर भाई को मिठाई खिलाएं और आरती करें।
  • भाई को भोजन करवाएं।
  • उसके बाद भाई अपनी बहन से आशीर्वाद लें और उन्हें भेंट स्वरूप कुछ उपहार दें।

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