आप कल्पना कर सकते हैं कि इंसानी मांस खाने में कैसा होता है
उसका स्वाद कैसा होता होगा? शायद आप इस बारे में सोचना भी न चाहें। भला कोई इंसान दूसरे इंसान का मांस कैसे खा सकता है? लेकिन दुनिया में ऐसे कई लोग हैं, जिन्हें हैवानियत की सारी हदें पार कर इंसानों का मांस खाते हुए पकड़ा गया है। इनमें भी अमेरिकी स्टेट मैरीलैंड के बाल्टिमोर शहर के सीरियल किलर जोसफ रॉय मेथेनी का मामला और भी खौफनाक है। जोसफ न सिर्फ खुद इंसानी मीट खाता था, बल्कि सड़क किनारे पोर्क बताकर दूसरों को भी धोखे से खिलाता था।
इस सनकी सीरियल किलर की मौत शनिवार को जेल के अंदर हो गई। 2 महिलाओं की हत्या के जुर्म में ये शख्स उम्रकैद की सजा काट रहा था। जोसफ का आतंक बाल्टिमोर शहर में 1990 के दशक में चरम पर था। जोसफ को इंसानों को मार उसका मांस खाना पसंद था। वह न सिर्फ उनका मांस खाता था, बल्कि सूअर के मीट के साथ मिलाकर और लोगों को बेचता भी था। लंबे समय तक लोग समझ ही नहीं पाए कि जिसे वो पोर्क समझकर खरीद रहे हैं, वो असल में इंसानी मांस था। उसने 1990 के दौर में एक के बाद एक कई मर्डर किए। लेकिन सबूत न होने की वजह से उसे सजा नहीं हो पाई। हालांकि बाद में दो महिलाओं के मर्डर के केस में वो पुलिस के हाथ लग गया। पुलिस को रिकॉर्ड करवाए गए बयान में जोसफ ने जो बताया वो दिल दहलाने वाला था। जब पुलिस ने उससे पूछा कि ये मर्डर उसने क्यों किए, तब जोसफ का जवाब था कि इससे उसे ताकतवर होने का अहसास होता था। उसने पुलिस को बताया कि मर्डर करने के बाद वो मांस को काटकर सड़क के किनारे बेचता भी था। जोसफ कका दावा है कि इंसानी मांस और सूअर के मांस के टेस्ट में कोई खास फर्क नहीं होता, इसलिए लोगों को कभी पता नहीं चल पाया कि जो वो खरीद रहे थे, वो असल में उनके जैसे ही किसी इंसान का मांस है।
सैंडविच में भरकर लोगों को खिलाया इंसानों का मांस
जोसफ ने बयान में बताया था कि वो बीफ और पोर्क सैंडविच में इंसानी मांस मिला देता था। भूनने के बाद मांस का स्वाद बढ़ जाता था। पुलिस को दिए बयान में उसने लोगों को एक मैसेज भी दिया था कि अनजान सड़क पर मिलने वाली चीजों को खाने से पहले ध्यान रखें। क्या पता आपको मीट बताकर जो खिलाया जा रहा है, उसके अंदर कुछ और हो। जोसफ के मुताबिक, उसके बनाए सैंडविच को लोग काफी पसंद करते थे।
खुद के लिए मांगी थी फांसी की सजा
जोसफ पर दो महिलाओं के खून का इल्जाम था, लेकिन अपने बयान में उसने 10 से ज्यादा लोगों को मारने का जुर्म कबूल किया था। जोसफ ने कोर्ट में अपने लिए फांसी की सजा मांगी थी। पूरी सुनवाई में उसे अपने किए पर किसी तरह का पछतावा नहीं था। उसने बस अपने किए के लिए फांसी की सजा मांगी थी, जिसे बाद में उम्रकैद में बदल दिया गया था।