यूपी के इन 20 जिलों में अगले तीन दिन बारिश के आसार, बादल गरजने और बिजली गिरने की भी आशंका
मौसम विज्ञानियों ने भविष्यवाणी की है कि 20 जिलों के आसपास के क्षेत्रों में भी बारिश हो सकती है। पिछले कुछ दिनों से धीरे-धीरे बढ़ रही गर्मी के बीच बारिश के आसार वाली ये भविष्यवाणी सामने आई है।
यूपी के इन 20 जिलों में अगले तीन दिन बारिश के आसार, बादल गरजने और बिजली गिरने की भी आशंका
यूपी के 20 जिलों में अगले तीन दिन बारिश के आसार हैं। इसके साथ ही कुछ स्थानों पर बादल गरजने के साथ ही बिजली गिरने की भी आशंका है। मौसम विज्ञानियों ने भविष्यवाणी की है कि इन 20 जिलों के आसपास के क्षेत्रों में भी बारिश हो सकती है। पिछले कुछ दिनों से धीरे-धीरे बढ़ रही गर्मी के बीच बारिश के आसार वाली ये भविष्यवाणी सामने आई है।
जिन जिलों में बारिश की संभावना जताई गई है उनमें चित्रकूट, कौशाम्बी, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, जौनपुर, संत रविदास नगर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया,देवरिया, गोरखपुर, संतकबीरनगर, कुशीनगर, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर जिले शामिल हैं।
सावन-भादो की प्यास नहीं बुझा सका मानसून
सितंबर के साथ ही मानसून ने भी विदा ले ली है। जून से सितंबर तक चार महीने में हुई बारिश के रिकॉर्ड को देखने से साफ है कि इस बार बदरा सावन और भादो की प्यास बुझा नहीं सके। जून-जुलाई में तो सामान्य से अधिक बारिश हुई लेकिन अगस्त-सितंबर में बादलों की बेरुखी ने किसानों के चेहरे को उदास कर दिया। मौसम चक्र अस्त-व्यस्त होने का नतीजा है कि किसानों ने फसल की जो उम्मीद पाल रखी थी वह पूरी होती दिखाई नहीं पड़ रही।
औसत से 15% कम बारिश हुई मॉनसून में
आइए, मौसम के इस उतार-चढ़ाव को प्रयागराज जिले के आंकड़ों से समझते हैं। 1991 से 2020 तक तीन दशक की बारिश के रिकॉर्ड के आधार पर मौसम विभाग ने प्रयागराज में महीनेवार औसत बारिश का अनुमान लगाया है। जून और जुलाई में औसतन क्रमश 113.5 व 268 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए। हालांकि 2023 के जून में 143.5 मिमी और जुलाई में 289.7 मिमी बारिश दर्ज की गई। साफ है कि शुरुआत के दो महीनों में जितनी उम्मीद थी उतनी बारिश हुई लेकिन अगस्त और सितंबर (सावन-भादो) में स्थिति चिंताजनक रही। अगस्त में औसतन 238.5 मिमी बारिश होनी चाहिए लेकिन इस साल अगस्त में 119.4 मिमी ही बारिश हुई।
इसी प्रकार सितंबर में 184.9 मिमी बारिश होनी चाहिए लेकिन 127.7 मिमी से ही संतोष करना पड़ा। ओवरआल चार महीने में औसतन 804.9 की बजाय 680.3 मिलीमीटर बारिश हुई। यानि इस मानसून में औसत से 15 प्रतिशत कम बारिश हुई। मौसम विज्ञान केंद्र घूरपुर के वैज्ञानिक आकाश मिश्र के अनुसार पिछले चार साल के मानसून को देखें तो कोरोना काल 2021 के चार महीनों में सर्वाधिक 1206 मिमी वर्षा हुई थी।
जाते-जाते दिल को सुकून दे गए बदरा
मानसून की औपचारिक विदाई के दिन बादल दिल को थोड़ा सुकून देते गए। शनिवार शाम एक घंटे से अधिक हुई बारिश ने राहत दी। हाल के दिनों में सुबह और रात में हवा में हल्की नमी महसूस होने लगी है। तापमान में गिरावट तो हो रही हालांकि मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो जाड़े की शुरुआत नवंबर में ही होगी।