बीटा-2 कोतवाली क्षेत्र में हुए हादसे में एक तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर खुले नाले में गिर गई थी। हादसे के बाद भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से सुरक्षा के लिहाज से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। केवल चेतावनी के रूप में महज तीन बैरिकेड लगाई गई हैं। नेविगेशन का प्रयोग करने पर केंद्रीय विहार होते हुए जो रास्ता कासना रोड की ओर जाता है। वह काफी सकरा और घुमावदार है। नाले के किनारे रेलिंग, जर्सी बैरियर, क्रैश बैरियर नहीं है।
चालकों को सावधानी बरतते हुए निकला पड़ता है। यहां रोड समाप्त होने का कोई चेतावनी बोर्ड भी नहीं लगा है। जिससे वाहन चालक पहले से सचेत हो सके। यही कारण रहा था कि दिल्ली के रहने वाले स्टेशन मास्टर भारत सिंह जब नेविगेशन के सहारे दिल्ली, ग्रेटर नोएडा होते घंघोला की ओर बढ़े तो हवालिया नाले से पहले मुख्य सड़क समाप्त होने के बाद गूगल मैप पर नाले का साइन दिखाई नहीं दिया। साइन बोर्ड नहीं लगा होने के कारण तेज रफ्तार कार सीधा 30 फीट गहराई में बह रहे नाले में जा गिरी थी।
हादसे के बाद स्थानीय पुलिस की ओर से मोड़ के पास तीन बैरिकेड रखवाए गए हैं। जबकि पूरे रास्ते पर कई जगह कच्ची और घुमावदार सड़क होने से हादसे की संभावना बनती है। एसीपी ग्रेटर नोएडा अवनीश दीक्षित ने बताया कि प्राथमिक जांच में घटना स्थल पर मौजूद एक बच्चे ने बताया है कि कार की रफ्तार काफी तेज थी। मोड़ से पहले संतुलन नहीं बना पाने के कारण सीधा नाले में जा गिरी। हादसे में कोई शिकायत नहीं मिली है। वहीं डीसीपी ट्रैफिक लखन यादव का कहना है कि संबंधित जगह पर जरूरी चेतावनी बोर्ड लगवाया जाएगा।