500 वर्षों का इंतजार खत्म,रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न |
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो गई है। 500 वर्षों से अधिक का इंतजार खत्म हो गया है। रामलला राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं।
जैसे ही भक्तों ने रामलला की पहली छवि देखी तो ऐसी खुशी हुई कि कई लोगों की आंखों से आंसू बह निकले। रामलला के मुकुट में नौ रत्न सुशोभित हैं और गले में सुंदर रत्नों की माला है। भगवान रामलला की कमरबंद भी सोने से बना है। रामलला के आभूषणों में रत्न, मोती, हीरे शामिल हैं। बालकांड रमचरितमानस में जैसी रामलला का जैसा वर्णन किया गया है, वैसी ही रामलला का विग्रह सुशोभित हो रहा है। रामलला के चरणों में वज्र, ध्वजा और अंकुश के चिन्ह शोभित हैं। कमर में करधनी और पेट पर त्रिवली हैं। रामलला की विशाल भुजाएं आभूषणों से सुशोभित हैं। रामलला की छाती पर बाघ के नख की बहुत ही निराली छटा है। छाती पर रत्नों से युक्त मणियों के हार की शोभा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर में राम लला की आरती की। प्रधानमंत्री ने पहले 11 दिवसीय अनुष्ठान किया था, उन्होंने ही ‘प्राण प्रतिष्ठा’ अनुष्ठान का नेतृत्व किया, जो भगवान विष्णु की प्रार्थना के साथ शुरू हुआ।