जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में स्थित बायसरन घाटी में हुए आतंकी हमले की जांच पूरी रफ्तार से जारी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम बुधवार से ही हाईटेक उपकरणों के साथ घटनास्थल पर जांच में जुटी है। इस बीच सामने आया है कि एनआईए की एक विशेष टीम बायसरन घाटी में हमले की जांच के लिए आधुनिक फॉरेंसिक उपकरणों का इस्तेमाल करने वाली है। इसमें 3डी मैपिंग तकनीक के इस्तेमाल की बात भी सामने आई है।
ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर यह 3डी मैपिंग तकनीक होती क्या है? पहलगाम हमले की जांच के लिए एनआईए इस तकनीक का इस्तेमाल क्यों कर रही है? हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को लेकर कौन सी ताजा जानकारियां सामने आई हैं? इसके अलावा जांच एजेंसियों की क्या कार्यवाही चल रही है?
पहले जानें- क्या होती है 3डी मैपिंग तकनीक?
एनआईए लगातार तीन दिनों से बायसरन का एक थ्री-डायमेंशनल नक्शा बनाने की कोशिश में जुटी है। इस तकनीक के तहत किसी भी क्षेत्र, माहौल या वस्तु का प्रतीकात्मक चित्रण बना लिया जाता है। एक तरह से समझें तो यह टीवी पर चलती फिल्म की तरह है, लेकिन इस फिल्म के सारे आयाम आपके आसपास ही दिखते हैं, बिल्कुल इस तरह कि जैसे पूरा घटनाक्रम आपके आसपास ही हुआ हो।
जम्मू-कश्मीर में मौजूद सैन्य सूत्रों के मुताबिक, आतंकी पहलगाम के बायसरन में हमले को अंजाम देने के बाद दक्षिण कश्मीर के घने जंगलों में भाग निकले। खुफिया सूचनाओं व तलाशी अभियानों के जरिये आतंकियों का पता लगाया गया। एक सैन्य अधिकारी ने कहा कि घने जंगलों का फायदा उठाते हुए आतंकी बच रहे हैं, पर ऐसा बहुत दिन तक नहीं होगा।
सेना से बाल-बाल बचे आतंकी, दक्षिण कश्मीर में तलाशी तेज
सूत्रों के मुताबिक, सबसे पहले अनंतनाग के पहलगाम तहसील के हापत नार गांव के पास जंगलों में दहशतगर्दों को देखा गया। फिर इनके कुलगाम के जंगलों में होने का इनपुट मिला। मौके पर सुरक्षाबलों ने इन्हें चारों ओर से घेरा। गोलीबारी भी हुई, लेकिन आतंकी भाग निकले।