पहलगाम आतंकी हमला: पहलगाम हमले के कातिल 1 महीने बाद भी फरार..सीमा पार भागने का शक, जांच अभी बेनतीजा

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म्मू के पहलगाम के बायसरन में हुए आतंकी हमले को एक महीना पूरा हो चुका है, लेकिन इसके गुनहगार अब भी फरार हैं। इस एक महीने में तीन आतंकियों के स्केच जारी किए गए, सौ से अधिक लोगों से पूछताछ की गई और 20 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया, फिर भी जांच एवं खुफिया एजेंसियों के पास आतंकियों की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है।

हमले से जुड़ा एक भी आतंकी न तो मारा गया और न ही गिरफ्तार हुआ है। आतंकियों को लेकर विभिन्न खुफिया सूचनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन कोई भी पुख्ता तथ्य नहीं है। एक सूचना के अनुसार, आतंकी हमला करके नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार चले गए हैं।

 

वहीं, एक अन्य सूचना बताती है कि आतंकी अब भी पहलगाम और इसके आसपास के घने जंगलों में बार-बार अपनी लोकेशन बदलकर ठिकानों में छिपे हुए हैं। हालांकि, सेना का कहना है कि आतंकियों की तलाश में सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

सेना और पुलिस मिलकर अभियान चला रही हैं और आतंकियों का जल्द सफाया किया जाएगा। सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर विजय सागर का मानना है कि पहलगाम में आतंकियों ने सिर्फ हमला करने की ही नहीं, बल्कि हमला करके सुरक्षित भाग निकलने की भी पूरी प्लानिंग की थी।

बेहद प्रशिक्षित थे ये आतंकी
उन्होंने कहा कि हमले के बाद इलाके की घेराबंदी करने में ही चार से पांच घंटे का समय लग गया था। यह संभव है कि आतंकी हमला करके सीमा पार वापस चले गए होंगे, क्योंकि चार से पांच घंटे उनके लिए पहलगाम से एलओसी तक पहुंचने के लिए पर्याप्त समय है। ये आतंकी बेहद प्रशिक्षित थे।

ब्रिगेडियर सागर के अनुसार, आतंकियों के अब तक नहीं पकड़े जाने की यही दो बड़ी वजहें नजर आ रही हैं। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि हमले के बाद जो कुछ भी हो रहा है, वह सब कुछ सार्वजनिक रूप से सामने आ चुका है और पूरा देश इससे वाकिफ है।
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प्रत्येक आतंकी पर 20 लाख रुपये का इनाम
पुलिस और सेना मिलकर अपनी पूरी ताकत से इन आतंकियों की तलाश कर रही हैं और लगातार अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश पुलिस ने आसिफ फौजी उर्फ मूसा, सुलेमान शाह उर्फ युनुस और अब्दुल तल्हा उर्फ आसिफ के स्केच जारी किए हैं। इनमें से प्रत्येक आतंकी पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है।

मास्टरमाइंड और आतंकी संगठन
इस कायराना हमले की जिम्मेदारी शुरुआत में पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तायबा से जुड़े गुट द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली थी, हालांकि बाद में वह इससे मुकर गया। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद है।

कहा जाता है कि सैफुल्लाह खालिद आतंकी हाफिज सईद का बेहद करीबी है और पाकिस्तानी सेना पर उसका गहरा प्रभाव है। वह पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों की मदद करता है और जवानों को भारत के खिलाफ भड़काता है।

पहलगाम आतंकी हमले से दो महीने पहले सैफुल्लाह खालिद पाकिस्तान के पंजाब के कंगनपुर पहुंचा था, जहां उसे पाकिस्तानी सेना के कर्नल जाहिद जरीन खट्टक ने जिहादी भाषण देने के लिए बुलाया था। जम्मू-कश्मीर में लश्कर और टीआरएफ की आतंकी गतिविधियों को वही अंजाम दे रहा है।

तीन पाकिस्तानी और दो कश्मीर के रहने वाले
इस हमले में पांच आतंकी शामिल थे, जिनकी पहचान की जा चुकी है। इनमें तीन पाकिस्तानी और दो कश्मीर के रहने वाले हैं। पाकिस्तानी आतंकियों में आसिफ फौजी उर्फ मूसा, सुलेमान शाह उर्फ युनुस और अब्दुल तल्हा उर्फ आसिफ शामिल हैं।
देवदार के घने जंगलों के रास्ते आए थे आतंकी
वहीं, अन्य दो आतंकियों में अनंतनाग के बिजबिहाड़ा का रहने वाला आदिल गौरी और पुलवामा का रहने वाला अहसान शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, घटनास्थल पर आतंकी देवदार के घने जंगलों के रास्ते आए थे। यह भी माना जा रहा है कि आतंकी किश्तवाड़ के रास्ते आए और फिर कोकरनाग के जरिए दक्षिण कश्मीर के बायसरन पहुंचे।

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