Breaking News

सुप्रीम कोर्ट: बड़ी खबर- वीवीपैट और बैलेट पेपर से हर वोट सत्यापन की मांग वाली याचिकाएं खारिज,कोर्ट ने दिए 2 बड़े निर्देश।

1 0
Spread the love

सुप्रीम कोर्ट: बड़ी खबर- वीवीपैट और बैलेट पेपर से हर वोट सत्यापन की मांग वाली याचिकाएं खारिज,कोर्ट ने दिए 2 बड़े निर्देश।

सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के वोटों की वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने बैलेट पेपर से मतदान कराने वाली याचिकाओं को भी खारिज कर दिया है।

फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने दिए दो बड़े निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने दो निर्देश दिए हैं- पहला यह है कि सिंबल लोडिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद सिंबल लोडिंग यूनिट (एसएलयू) को सील कर दिया जाना चाहिए और उन्हें कम से कम 45 दिनों के लिए सहेज कर रखा जाना चाहिए। इसके अलावा दूसरा निर्देश यह है कि उम्मीदवारों के पास परिणामों के एलान के बाद इंजीनियरों की एक टीम की ओर से जांचे जाने वाले ईवीएम के माइक्रोकंट्रोलर प्रोग्राम को पाने का विकल्प होगा। इसके लिए उम्मीदवार को नतीजों के एलान के सात दिनों के अंदर आवेदन करना होगा। इसका खर्च भी उम्मीदवार को खुद को उठाना होगा।

इससे पहले दो दिन की लगातार सुनवाई के बाद पीठ ने 18 अप्रैल को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालांकि, बुधवार को शीर्ष कोर्ट ने इस मामले को फिर से सूचीबद्ध किया था। तब शीर्ष कोर्ट ने अदालत से चुनाव आयोग से कुछ बातों को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था। जिसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। फैसला सुरक्षित रखते हुए शीर्ष कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह चुनाव को नियंत्रित नहीं कर सकता, न ही एक सांविधानिक निकाय के लिए नियंत्रक अथॉरिटी के रूप में कार्य कर सकता है। गलत काम करने वाले के खिलाफ कानून के तहत नतीजे भुगतने के प्रावधान हैं। कोर्ट सिर्फ संदेह के आधार पर परमादेश नहीं दे सकता।

और पढ़े   ED Arrests AAP MLA: आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को ईडी ने किया गिरफ्तार, ईडी की टीम ने आवास पर मारा था छापा

अदालत ने कहा कि वह मतदान मशीनों के फायदों पर संदेह करने वालों और मतपत्रों पर वापस जाने की वकालत करने वालों की विचार प्रक्रिया को नहीं बदल सकती। इसके अलावा बुधवार को फैसला सुरक्षित रखते हुए पीठ ने उप चुनाव आयुक्त नितेश व्यास को कोर्ट में बुलाकर पांच मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगा था। कोर्ट ने कहा, हमने ईवीएम के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (एफएक्यू) देखे हैं। हम तीन-चार चीजों पर स्पष्टीकरण चाहते हैं। हम तथ्यात्मक रूप से गलत नहीं होना चाहते बल्कि अपने निर्णय में दोहरा सुनिश्चित होना चाहते हैं और इसलिए यह स्पष्टीकरण मांग रहे हैं। पीठ ने जिन पांच सवालों के जवाब मांगे थे उनमें यह भी शामिल था कि क्या ईवीएम में लगे माइक्रोकंट्रोलर रिप्रोग्रामेबल हैं।

इस पर व्यास ने कोर्ट को बताया था कि ईवीएम की तीनों यूनिट, मतदान, कंट्रोल व वीवीपीएटी में माइक्रोकंट्रोलर लगे हैं। फिजिकली उन तक नहीं पहुंचा जा सकता। इन्हें एक बार ही प्रोग्राम किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ईवीएम मशीनों को आमतौर पर 45 दिनों के लिए सुरक्षित रखा जाता है। चुनाव याचिका दायर करने की स्थिति में समयसीमा बढ़ा दी जाती है। व्यास ने पहले भी कोर्ट को ईवीएम की कार्यप्रणाली की जानकारी दी थी।

Happy
Happy
100 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

https://whatsapp.com/channel/0029Va8pLgd65yDB7jHIAV34 Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now