पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल एक बार फिर शिरोमणि अकाली दल के प्रधान चुन लिए गए हैं। किसी और नाम की अनुपस्थिति में सर्वसम्मति से सुखबीर के नाम पर मुहर लग गई। अकाली दल का दोबारा अध्यक्ष बनने पर सुखबीर बादल ने सभी से इकट्ठे होकर चलने का आह्वान किया। सुखबीर ने कहा कि एक राजनीतिक साजिश के तहत अकाली दल को खत्म करने की योजना लागू हो रही थी। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय पार्टियों का मजबूत होना समय की जरूरत है। सुखबीर ने कहा कि सभी को एकजुट होकर अकाली दल को खत्म करने वाली पार्टियों का विरोध करना होगा।
वहीं वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया ने कहा कि कांग्रेस हमेशा अकाली दल को तोड़ने की साजिश करती रही है। मजीठिया ने कहा कि बागी भी अकाली विरोधी पार्टियों के हाथों में खेल रहे हैं।
अकाल तख्त से घोषित हो चुके हैं तनखाहिया
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर बागी अकालियों ने एक जुलाई को लिखित शिकायत देकर आरोप लगाए थे कि अकाली दल की सरकार के दौरान विभिन्न धार्मिक गलतियां की गई हैं। इसके लिए अकाली दल का नेतृत्व पूरी तरह जिम्मेदार है। सरकार में सुखबीर बादल डिप्टी सीएम थे। इसके बाद सुखबीर बादल 30 अगस्त को जत्थेदार रघबीर सिंह द्वारा तनखाहिया घोषित किए गए थे। इसके बाद सुखबीर को धार्मिक सजा दी गई थी।
इसी सजा के दाैरान चार दिसंबर को श्री हरमंदिर साहिब में सुखबीर बादल पर जानलेवा हमला हुआ। हमले में बादल बाल-बाल बच गए थे। स्वर्ण मंदिर में बादल पर गोली चलाई गई है। वहां मौजूद लोगों ने हमलावर को पकड़ लिया था।
अभी बलविंदर सिंह भूंदड़ हैं कार्यकारी अध्यक्ष
तनखाहिया करार होने के कारण सुखबीर बादल चुनाव प्रचार व अन्य राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकते थे। सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी के वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ को शिरोमणि अकाली दल का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था।