Suicide Case: CM सैनी के गले की फांस बना आईपीएस आत्महत्या प्रकरण, डीजीपी पर कार्रवाई से कतरा रही सरकार

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रिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या का मामला मुख्यमंत्री नायब सैनी व उनकी सरकार के गले की फांस बन गया है। दिवंगत अफसर के परिवार को पोस्टमार्टम के लिए मनाने के मुख्यमंत्री, उनके कैबिनेट के मंत्रियों व सीनियर अफसरों के प्रयास सिरे नहीं चढ़ रहे क्योंकि परिवार डीजीपी शत्रुजीत कपूर व रोहतक के एसपी के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग कर रहा है। हालांकि पांच दिन के बाद जाकर रोहतक के एसपी को हटा तो दिया गया लेकिन डीजीपी पर कार्रवाई से सैनी सरकार कतरा रही है।

यही वजह है कि परिवार, दलित संगठनों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। सूत्रों के मुताबिक शनिवार को तीन घंटे से ज्यादा दिवंगत आईपीएस की पत्नी व परिवार को मनाने की कोशिश करते रहे दो मंत्रियों ने उन्हें यह संकेत दिया कि डीजीपी को छुट्टी पर भेजा जा सकता है लेकिन परिवार ठोस कार्रवाई चाहता है।
सरकार चाह कुछ रही थी, हो कुछ और गया
सरकार को उम्मीद थी कि एसपी को हटाने से परिवार पोस्टमार्टम के लिए मान जाएगा लेकिन ऐसा न होने से सरकार की मुश्किल बढ़ती जा रही है। इस सबने सरकार की व्यवस्था भी गड़बड़ा दी है। सरकार चाह कुछ रही थी लेकिन हो कुछ और गया।
रद्द करनी पड़ी प्रेस ब्रीफिंग
बताते हैं कि नायब सैनी अपनी व अफसरों की जापान यात्रा को सफल बताते हुए इसका प्रचार करना चाहते थे। इसके लिए यात्रा से लौटते ही प्रेस ब्रीफिंग रखी गई थी लेकिन इधर यह आत्महत्या प्रकरण हो गया और प्रेस ब्रीफिंग रद्द करनी पड़ी।
सीएम सैनी ने 9 अक्तूबर की सुबह एयरपोर्ट पहुंचने पर सीआईडी प्रमुख एडीजीपी सौरभ सिंह से मामले की विस्तार से जानकारी ली। इसके बाद सीएम एडीजीपी पूरन की पत्नी आईएएस अमनीत पी कुमार को सांत्वना और आश्वासन देने उनके सरकारी आवास पहुंचे, लेकिन उसके बाद भी पांच दिन से मुद्दा बरकरार है।

सरकार की सालगिरह के जश्न पर सोनीपत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली रखी गई है। इसी को लेकर शनिवार को कैबिनेट बैठक भी रखी गई थी लेकिन पूरन कुमार आत्महत्या प्रकरण तूल पकड़ते जाने से बढ़ती परेशानी को देखते हुए यह बैठक भी स्थगित करनी पड़ी। इस कैबिनेट बैठक की जगह कुछ मंत्रियों व अफसरों के साथ नायब सैनी को बैठक यह करनी पड़ी कि कैसे आत्महत्या करने वाले अफसर के परिवार को मनाया जाए और मामले को शांत किया जाए।

पूरन कुमार की मौत के मामले ने अब सियासी रंगत ले ली है। पता चला है कि इस सारे मामले को लेकर दिल्ली में बैठे भाजपा के सीनियर नेता भी पूरी जानकारी ले रहे हैं। इसलिए सीएम भी कोई कदम उनकी सलाह के बिना नहीं लेंगे। इस वजह से भी मामले को सुलझाने में देर हो रही है। इसी के चलते कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इस मामले में खुलकर दिवंगत आईपीएस के परिवार के समर्थन में बयान दे चुका है।
चर्चा यह भी है कि एक दो दिन में राहुल गांधी भी परिवार से मिलने आ सकते हैं। उधर, आम आदमी पार्टी के नेता भी शनिवार को शोक संतप्त परिवार से मिलने पहुंचे और सैनी सरकार की कारगुजारी पर तीखा प्रहार किया।

दलित संगठन तो मोर्चा खोलने की पूरी तैयारी कर ही चुके हैं। इस पूरे प्रकरण में आईएएस अमनीत पी कुमार की जापान से चंडीगढ़ वापसी के बाद हरियाणा सरकार में दलित समाज के कई वरिष्ठ आईएएस उनके सरकारी आवास में डटे हुए हैं। वे मामले में रणनीति तैयार करने की भूमिका में नजर आ रहे हैं।
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वहीं, वाई पूरन कुमार के सुसाइड नोट में कई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम आए हैं और एक बड़ी आईएएस लॉबी अमनीत पी कुमार के साथ खड़ी हो गई है। इससे हरियाणा सरकार के कामकाज पर असर पड़ना लाजिमी है।

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