शाहजहांपुर:- जेल में महिला बदियों को स्वावलंबी बनाने के लिए प्रारंभ हुआ कार्य प्रशिक्षण ||
जेल में महिला बदियों को स्वावलंबी बनाने के लिए तथा उनमें कौशल विकसित करने के लिए ऑर्गेनिक धूप एवं दीपक बनाने का कार्य का प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया । उक्त कार्य में धूप बनाने के लिए सभी प्राकृतिक और ऑर्गेनिक कच्ची सामग्री का प्रयोग किया जाएगा जिसमें गाय का गोबर, वह फूल जो मंदिरों में चढ़ाए जाते हैं तथा जिन्हें उठाकर फेंक दिया जाता है और वह कहीं ना कहीं जाकर गंदगी और प्रदूषण का कारण बनते हैं उन्हें इस्तेमाल किया जाएगा । साथ ही साथ उसमें देसी घी शहद ,बादाम, लॉन्ग, तिल का तेल तथा अन्य प्राकृतिक एवं सुगंधित सामग्री जिसमें चंदन आदि का भी प्रयोग किया जाएगा। इस कार्य में सभी महिलाबंदियों को लगाया गया है तथा उत्पाद को बाजार में बिक्री कर उसे प्राप्त होने वाले लाभांश को महिला बंदियों में ही बांटा जाएगा। इस प्रकार जहां एक तरफ महिला बंदी हुनरमंद एवं आत्मनिर्भर बनेंगी वहीं दूसरी तरफ विभिन्न प्रकार की वह सामग्री जो गंदगी अथवा प्रदूषण का कारण बनती है और जो अन्यथा पवित्र मानी जाती है जैसे गाय का गोबर एवं मंदिरों पर चढ़ाए जाने वाले फूल का इस्तेमाल कर गंदगी और प्रदूषण से बचाने में मदद मिलेगी ।आगे चलकर इस कार्य को पुरुष बदियों से भी कराया जाएगा और इसका विस्तार कर इसे वृहद रूप दिया जाएगा। आगामी दीपावली के शुभ अवसर पर कारागार में गाय के गोबर एवं अन्य पवित्र सामग्री की मदद से ऑर्गेनिक दीप तैयार किए जाएंगे जिन्हें बिक्री के लिए सर्व सामान्य को सुलभ कराया जाएगा। इस कार्य में स्वयंसेवी संगठन जय गणेश सेवा समिति का सहयोग लिया जाएगा। इन दोनों कार्यों के लिए सर्वप्रथम महिलाबंदियों को स्वयंसेवी संगठन की अध्यक्षा श्रीमती पूनम मेहरोत्रा तथा महिला प्रशिक्षक द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि सभी महिला बंदी प्रशिक्षित भी हो सके और उत्पादन की गुणवत्ता भी उच्च कोटि की हो ।आज इस अवसर पर जय गणेश सेवा समिति की अध्यक्ष श्रीमती पूनम मेहरोत्रा एवं उनके सहयोगी प्रशिक्षक द्वारा बंदियों को प्रशिक्षित कर धूप का उत्पादन शुरू किया गया।इस अवसर पर जेल अधीक्षक मिजाजीलाल, जेलर राजेश कुमार पांडेय, डिप्टी जेलर सुरेंद्र गौतम व पूनम तिवारी उपस्थित रहे
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