आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी की बैठक के बाद एलान किया कि रेपो में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है। इसे 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया गया है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि एमपीसी के सभी सदस्यों ने दर कटौती के पक्ष में अपना मत दिया है।
एमपीसी के फैसलों पर और क्या बोले संजय मल्होत्रा?
गवर्नर के तौर पर संजय मल्होत्रा ने पहली बार मौद्रिक नीति समिति के फैसले का एलान किया। अपनी स्पीच के दौरान उन्होंने कहा कि महंगाई दर लक्ष्य के करीब है। फ्लेक्सिबिल महंगाई लक्ष्य से इकोनॉमी पर बेहतर असर पड़ा है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के अनुसार महंगाई दर लक्ष्य के करीब है। इसका इकोनॉमी पर बेहतर असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति को अब भी तटस्थ रखा गया है। आरबीआई गवर्नर तीन दिवसीय बैठक के बाद ब्याज दरों पर फैसले का एलान किया।
महंगाई के लक्ष्य से जुड़े फ्रेमवर्क में होगा बदलाव
आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि हम रेगुलेशन को संतुलित बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। महंगाई लक्ष्य से जुड़े फ्रेमवर्क में भी बदलाव होगा। नए नियमों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। संबंधित पक्षों पर रेगुलेशन पर बातचीत जारी रहेगी।
तीन दिन की एमपीसी बैठक के बाद फैसले का एलान
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) 7 फरवरी 2025 की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद रिजर्व बैंक के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा मॉनेटरी पॉलिसी की घोषणा की। बाजार के विशेषज्ञों को उम्मीद थी कि इस बार रेपो रेट में 25 आधार अंकों कटौती कर 6.25 प्रतिशत किया जा सकता है।
फरवरी 2023 के बाद से रेपो रेट में पहली बार बदलाव
फरवरी 2023 से रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया। इससे पहले 2020 में कोविड महामारी के दौरान ब्याज दरों में कटौती की गई थी, लेकिन इसके बाद धीरे धीरे कर ब्याज दरों को 6.5 प्रतिशत बढ़ा दिया गया। रेपो रेट में कटौती की घोषणा लंबे समय के बाद हुई है। इससे आम आदमी को होम लोन, वाहन, पसर्नल लोन की ईएमआई में राहत मिलेगी। सस्ते कर्ज से लोगों पर से ईएमआई का बोझ कम होगा।